स्कूल जाने के लिए ही नहीं, छोटी-मोटी जरूरतों को भी साईकल से पूरा करती हैं नम्रता व सृष्टि
धमतरी,(ब्यूरो छत्तीसगढ़)। स्थानीय महात्मा गांधी वार्ड में रहने वाली कु. नम्रता साहू अपनी सायकल का इस्तेमाल न सिर्प स्कूल आने-जाने के लिए करती हैं, बल्कि किराना दुकान, राशन सहित छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने आसपास की जगहों में जाने के लिए भी कापी सहुलियत मिलती है। यह सायकल उसे पदेश शासन की सरस्वती सायकल योजना के तहत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निःशुल्क पदान की गई है। अब न तो उसे घर से ढाई किलोमीटर पैदल सपर करना पड़ता है, न ही कभी स्कूल पहुंचने में देर होती है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोकुलपुर में कक्षा 11वीं में कला संकाय की पढ़ाई कर रहीं छात्रा कु. नम्रता ने भावुक होकर बताया कि दो वर्ष पहले उनके पिता बल्लूराम साहू की असामयिक मृत्यु हो गई जिसके बाद मां पर नम्रता सहित तीन भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई। रेजा का काम करके जीवन-यापन चलाने वाली मां अपनी बेटी के लिए सायकल खरीदने में कहीं से भी सक्षम नहीं थी, जिसके चलते उसे रोज ढाई किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती थी। घर से स्कूल तक का पासला तय करना उसकी दिनचर्या में शामिल हो गया था। ऐसे में अगस्त-2016 में उन्हें सरस्वती सायकल योजना के तहत सायकल मिली, जिसके बाद तो जैसे उसकी पूरी दिनचर्या ही बदल गई। मां के काम पर जाने के बाद छोटी बहनों को स्कूल के लिए तैयार कर पास के स्कूल में भेजने का सारा काम वह सायकल से ही करती हैं जिससे उसके समय और श्रम की बचत होती है। शिक्षक बनने की ख्वाहिश रखने वाली नम्रता ने बताया कि सायकल उसके परिवार के सदस्य की तरह है। यह नहीं होती तो स्कूल के साथ-साथ रोजमर्रे का काम भी बोझिल और दुष्कर हो जाता। इसी स्कूल में कक्षा नवमीं में अध्ययनरत छात्रा कु. सृष्टि ध्रुव भी तीन महीने पहले अपने घर रूदी से स्कूल तक लगभग साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पैदल तय करती थीं।