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अमर अग्रवाल ने की पंजीयक एवं मुदांक विभाग के काम-काज की समीक्षा
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रायपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। वाणिज्यिक कर एवं उद्योग मंत्री अमर अग्रवाल ने यहां आबकारी भवन में अधिकारियों की बैठक लेकर पंजीयन एवं मुदांक विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने वित्तीय वर्ष के आखिरी दो-तीन महीने को कर संग्रहण की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्य पाप्ति करने के निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि पंजीयन शुल्क के तौर पर इस वर्ष 1550 करोड़ रूपए राजस्व संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरूद्ध दिसम्बर महीने के अंत तक 828 करोड़ रूपए पाप्त किए जा चुके हैं। जो कि लक्ष्य का केवल 54 पतिशत होता है। बैठक में पंजीयन एवं मुदाक विभाग के सचिव डी.डी.सिंह, महानिरीक्षक पंजीयन एस.एल. धावड़े सहित सभी जिलों से आए जिला पंजीयक उपस्थित थे।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पंजीयन राजस्व के तौर पर सरगुजा जिले में सबसे ज्यादा 144 पतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बाद जशपुर ने 40 पतिशत, बिलासपुर ने 14 पतिशत, राजनांदगांव ने 10 पतिशत और रायपुर जिले में 3 पतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं बलोदाबाजार-भाटापारा जिले सहित कांकेर, बस्तर, रायगढ़ और कोरबा में पंजीयन शुल्क में कमी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जिले में चालू वित्तीय साल मे ंअब तक 1 लाख 33 हजार 562 दस्तावेजों का पंजीयन किया गया है। दस्तावेज पंजीयन के मामले में पथम पांच जिलों में दंतेवाड़ा पथम नम्बर पर है। इसके बाद त्रढमशः रायगढ़, जशपुर, कोरिया और राजनांदगांव आते हैं, जबकि पिछले साल की तुलना में कोरबा, बस्तर, कांकेर, महासमुंद और कबीरधाम जिलों में दस्तावेजों के पंजीयन की संख्या में कमी पाई गई है। मुदांक पकरणों के निराकरण के मामले में कोरबा, बेमेतरा और कांकेर में शतपतिशत पकरणों का निराकरण किया जा चुका है। सबसे कम पकरणों का निराकरण गरियाबंद, सरगुजा, कोरिया, बलोदाबाजार और महासमुंद किया गया है। बकाया राजस्व की वसूली के मामले में मुंगेली जिले में अच्छा काम हुआ है। वहां आरआरसी के शतपतिशत मामलों का निराकरण कर लिया गया है, जबकि सरगुजा, बेमेतरा, गरियाबंद, कबीरधाम और कांकेर जिले इस मामले में कापी पिछड़े हुए हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि दस्तावेजों के अंतरण में महिलाओं को चालू वर्ष में अब तक लगभग 20 करोड़ रुपए राजस्व का छूट पदान किया गया है।
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