ब्यूरोकेसी में होता है बंधन इसलिए राजनीति में आया : ओपी चौधरी
रायपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। आईएएस की नौकरी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने के बाद आज राजधानी लौटे ओपी चौधरी का एयरपोर्ट और बीजेपी दफ्तर एकात्म परिसर में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। इसके बाद पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने एकात्म परिसर में आयोजित पेसवार्ता में कहा कि मां के साथ पेंशन लेने जाने पर पहली बार 8 साल की उम्र में रायगढ़ जिले में कलेक्टर को देखा। कलेक्टर जो बोलता है ओ काम हो जाता है। बस यहीं से बचपन में कलेक्टर बनने का सपना देखा और अपनी मेहनत व लगन के दम पर आईएएस की नौकरी मिली। छत्तीसगढ़ में आईएएस बनने के बाद जांजगीर, कोरबा, दंतेवाड़ा, रायपुर सहित कई जिले में डिप्टी कलेक्टर, सीईओ, कमिश>र के पद पर रहकर लोगों के लिए बेहतर से बेहतर कार्य किया। 13 साल की नौकरी में सीधे लोगों से जुड़ता हूँ। लेकिन अब मंत्रालय के एसी चेंबर में बैठने का मौका था। जो मुझे रास नहीं आया। राजनिती में आने का विचार बनाया। ताकी अपनी माटी के लिए कार्य करता रहूं। श्री चौधरी ने कहा कि बस्तर में नमक के लिए शोषण होता था। जिसे पदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के अंत्योदय की सोच से आज पीडीएस वे माध्यम से नामक व चावल मिल रहा है। बीजेपी ज्वाइंन करने के सवाल पर चौधरी ने कहा कहा कि मैं अटल बिहारी वाचपेयी से काफी इंस्पायर हूँ। यदि कोई पार्टी इस देश को आगे ले जा सकती है तो वह बीजेपी है, यही पार्टी है जहां कवर्धा का पार्षद आज पदेश का सीएम है और बड़नगर का चायवाला देश का पीएम है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्यूरोत्रढsसी में बंधन होता है। सिस्टम को नेता चलाते हैं। लोकतंत्र में राजनीति की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। डेमोकेसी में पालिटिकल स्टक्पर ही ब्यूरोकेसी स्टक्पर को विजन देता है। अगर पालिटिकल स्टक्पर सही न हो तो एडमिनिस्टेटीव स्टक्पर कोलेप्स कर जाएगा। सिस्टम में अच्छे राजनेता हो तो सैकड़ों पशासन तैनात किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आज अच्छे पशासक भी डीपेश में हैं।
ओपी चौधरी ने अपने रायपुर कलेक्टर रहने के दौरान शहर में किए गए कार्यों को लेकर कहा कि राजधानी के 22 तालाब, आरटीई में पवेश, नालंदा परिसर का निर्माण, बापू की कुटिया, कटोरा तालाब सौंदर्याकरण, पयास हॉस्टल सड्डू जैसे जनहित के कार्य किया। ओपी चौधरी ने साप कहा कि वो किसी खास उद्देश्य के साथ राजनीति में नहीं आये हैं।