ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अभी तक नहीं मिली जगह
महासमुंद, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। शहर को ट्रांसपोर्ट नगर के लिए अभी तक जगह नहीं मिल पायी है। पालिका पशासन पिछले चार वर्षों से ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जगह की तलाश कर रहा है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। रायपुर रोड पर ही ट्रकों का वर्पशाप है। रोड किनारे ही ट्रकों को खड़े कर सुधारा जाता है। इससे सड़क संकरी हो जाती है। आए दिन हादसों भय लगा रहता है। आवागमन में परेशानी होती है। अब चौड़ीकरण व सौंदर्यीकरण के बाद मुश्किल और भी बढ़ जाएगी। इसके बाद ट्रकों व अन्य वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह नहीं बच पाएगी।
शहर को ट्रांसपोर्ट नगर की आवश्यकता बड़े लंबे समय से महसूस की जा रही है। ट्रांसपोर्टरों की मांग पर पालिका ने ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का आश्वासन भी दिया है, लेकिन इस पर कार्य नजर नहीं आ रहा है। जमीन की बात करें तो अभी तक पालिका इसके लिए जमीन ढूंढ नहीं पाई है। ट्रांसपोर्ट नगर के अभाव में ट्रक व अन्य वाहनें सड़क किनारे बेतरतीब से खड़े कर दिए जाते हैं। इससे सड़क सकरी हो जाती है और आवागमन में असुविधा होती है। खासकर रायपुर रोड पर ट्रकों की लंबी कतार रहती है। एक के बाद एक ट्रकों की लाइन लगती जाती है। चालक सड़क के बीचें-बीच से ट्रकों को मोड़ते हैं, इससे आए दिन यातायात बाधित हो जाती है। ज्ञात हो कि सड़क चौड़ीकरण को लेकर पुलिस व पालिका पशासन ने बरोंडा चौक से लेकर एलआईसी बिल्डिंग तक सड़क किनारे दुकान लगाने वाले संचालकों पर कार्रवाई की थी। सड़कों को गैरेज बनाने वालों के लिए पालिका ने अभी तक जगह नहीं तलाश की है। सड़क चौड़ीकरण का कार्य त्रिमूर्ति कॉलोनी तक पहुंच गया है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद चौड़ीकरण का कार्य शहर के अंदर पारंभ हो जाएगा। इसके बाद गैरज संचालकों की मुश्किल बढ़ जाएगी। उन्हें आर्थिक स्थिति से जूझना पड़ सकता है। त्रिमूर्ति कॉलोनी से लेकर रायपुर नाका तक सुबह से शाम तक मार्ग व्यस्त रहता है। इस मार्ग पर ट्रैक्टर व बाइक के शो-रूम खुल गए हैं। वहीं तीन से चार बैंक भी इसी मार्ग पर हैं। बैंक स्थापित होने के कारण मार्ग में भारी भीड़ भाड़ रहती है। बैंकों के सामने ग्राहक बेतरतीब से वाहन खडेक्व कर देते हैं।