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सहकारी बैंक की गांव में खोली गई एलडब्लूई शाखाओं की तरफ लोगों का रूझान नहीं

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:26 April 2019 3:07 PM GMT
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जगदलपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। प्रशासन की इच्छा अनुसार जिला सहकारी पेंद्रीय बैंक ने गांव में एलडब्लूई शाखायें खोलने का कार्य किया और इसी सिलसिले में जगदलपुर के कुरेंगा, चितापुर तथा सुकमा जिले के गादीरास, फूलबगड़ी बीजापुर के मिरतुर और तोयेनार में शाखायें खोली। इनमें से केवल कुरेंगा और चितापुर में ही थोड़ा काम-काज हो रहा है, बाकी शाखाओं में कार्य की कमी है। इस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधा पहुंचाने की कोशिशों में धक्का पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि सहकारी बैंक के कर्मचारियों ने इन खोली गई शाखाओं के माध्यम से ग्रामीणों को बैंकों का लाभ उठाने व बैंकों के माध्यम से लेन-देन करने के लाभों के बारे में जागरूक भी किया, लेकिन ग्रामीण आज भी इन खोली गई शाखाओं से दूर रहने में ही अपनी इच्छा जता रहे हैं। इस संबंध में यह भी विशेष तथ्य है कि इन ग्रामीण क्षेत्रों में खोली गई शाखाओं से आर्थिक लाभ के बजाय बैंक को क्षति ही पहुंच रही है। इसके साथ यह भी चौंकाने वाला तथ्य है कि इस वर्ष मार्च में और भी नई ब्रांच खोलने का प्रशासन की इच्छा अनुसार पहल होनी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बाद यह कार्य नहीं हो सका। इन 06 नई शाखाओं में दंतेवाड़ा के बड़े तुमनार, सकुमा के एर्राबोर, बीजापुर के गंगालुर तथा आवापल्ली व नारायणपुर जिले के छोटे डोंगर सहित कांकेर जिले के दुर्गकोंदल में बैंक की नई शाखा खोलने का प्रस्ताव है। इस संबंध में बैंक सूत्रों के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बैंकिंग को लेकर जारी की गई विशेष गाईडलाइन का पालन करना भी आवश्यक है। ऐसे में बैंक को नगदी की आपूर्ति से लेकर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था भी चाक- चौबंद रखना भी आवश्यक है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में नई शाखाओं के खोलने के पूर्व पूरी व्यवस्था होना भी आवश्यक है। इस संबंध में एसए रजा सीईओ ने स्पष्ट किया कि आचार संहिता की वजह से शाखाओं में पोस्टिंग नहीं हो सकी है। संहिता के बाद पोस्टिंग होने से निश्चित ही स्थिति बदलेगी।

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