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तेंदूपत्ता का मूल्य बढ़ते ही, नक्सलियों ने भी बढ़ाया अपना कमीशन

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:3 May 2019 3:34 PM GMT
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जगदलपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी समूचे संभाग में तेंदूपत्ता संग्रहण कर इसे समितियों के माध्यम से बेचने की कोशिश आरंभ हो चुकी है। प्रतिवर्ष इस तेंदूपत्ता की खरीद-बिक्री से प्राप्त होने वाली रकम में से अपना कमीशन प्राप्त करने वाले नक्सलियों ने भी अपना कमीशन इसीलिए बढ़ा दिया है कि इस वर्ष तेंदूपत्ता की बिक्री का मूल्य शासन द्वारा बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में नक्सलियों ने तेंदूपत्ता तोड़ाई की शुरूआत होते ही अंदरुनी इलाकों में वसूली के लिए पर्चे फेंककर अपनी मंशा जता दी है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष एक लाख से अधिक मानक बोरा तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है और प्रति मानक बोरा की दर भी बढ़ाई है। इसीलिए इसे देखकर नक्सलियों को इस बार इसके माध्यम से और भी अधिक मोटी रकम प्राप्त होने की आशा बन गई है। जानकारी के अनुसार नक्सली तेंदूपत्ता के व्यापार के माध्यम से करोड़ों रूपये की उगाही करते हैं। पूरे भारतवर्ष में जहां-जहां इनका प्रभाव क्षेत्र है और तेंदूपत्ता का काम होता है, वहां नक्सली अपने संगठन को संचालित करने के लिए यहां से वसूले गए कमीशन का उपयोग करते हैं। यह कमीशन नक्सली तेंदूपत्ता ठेकेदारों और मजूदरों से उगाही करते हैं।इस संबंध में बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि नक्सली तेंदूपत्ता के जरिए अवैध उगाही न कर सपें, इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में चेक पोस्ट लगाए जा रहे हैं और गहन चेकिंग करवाई जा रही है। इसके अलावा सभी जिलों के एसपी से कहा गया है कि वे पूरे कारोबार पर बारीकी से नजर रखें।

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