हमारे कर्म इतने अच्छे हों कि देखने वाले कहें वन्स मोर: ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी
रायपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी ने कहा कि बच्चों को प्रेरणा देते हुए कहा कि हमारे कर्म ऐसे अच्छे और सुखदायी हों कि देखने वाले सभी वन्स मोर करें। इसके लिए यह याद रहे कि जो कर्म मैं करूँगा मुझे देखकर अन्य लोग करेंगे। अगर सभी के प्रिय बनना है तो इस बात का ध्यान रखें कि हमारे कर्मों से किसी को दुख नहीं पहुँचे। हमारे बोल भी सबको सुख देने वाले एवं मधुर होने चाहिए।ब्रह्माकुमारी गंगा दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प में कर्मोंका महत्व विषय पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि हम जो भी कर्म करते हैं उसका कार्मिक एकाउण्ट बनता है। चूंकि हरेक व्यक्पि अपने कर्मों के लिए स्वयं ही जिम्मेदार होता है। इसलिए उसका पल सुख या दुःख के रूप में उसे ही भोगना पड़ता है। उन्होंने आगे बतलाया कि हाथों से जो कर्म करते हैं सिर्प वही कर्म नहीं है। बल्कि देखना, सुनना, खाना-पीना यह सभी कर्म हैं। कोई भी व्यक्पि कर्मों के बन्धन से छूट नहीं सकता। हमें जो दुःख अथवा सुख मिलता है उसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं। हमेशा समझो कि मैं एक्टर हूं और विश्व के रंगमंच पर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा हूँ। मुझे सब देख रहे हैं। इससे हमारा कर्मों पर अटेन्शन बना रहेगा। कोई गलत काम भी नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि माता-पिता के आशीर्वाद से बढ़कर संसार में कुछ नहीं है। इसलिए सुबह उठकर सबसे पहले उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। उनकी दुआएं प्राप्त करने के लिए आज्ञाकारी बनो। मनुष्य पुरूषार्थ करे तो अपने हाथों की लकीरों को भी बदल सकता है। सिर्प उसके अन्दर लगन होना जरूरी है। दूसरे सत्र में आज बच्चों के लिए नृत्य प्रतियोगिता रखी गई थी जिसमें बच्चों ने देश भक्पि और आध्यात्मिकता से जुड़े गीतों पर नृत्य के द्वारा अपनी कला का प्रदर्शन बढ़-चढ़कर किया। इनमें कु. तृप्ति सिंह ने कान्हा सो जा रे... पर नृत्य किया। कु. पूर्वी नामदेव ने कहते हैं हमकों प्यार से दुनिया वाले..गीत पर डांस किया। कुशाग्र सरकार ने ये देश है वीर जवानों का... गीत पर डांस करके अपनी देशभक्पि का परिचय दिया। कु. परिणिता साहू और सुमन साहू ने भी नृत्य के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया।