कोयला उत्पादन के साथ दूसरे दायित्वों का भी लक्ष्य तय करे कोल मंत्रालयः दीपेश
कोरबा (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। कोयला मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान कोल इंडिया के लिए 65.5 करोड़ टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वित्त वर्ष में कोल इंडिया का 62 करोड़ टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके विरूद्ध पर 60.7 करोड़ टन कोयला ही कोल इंडिया उत्पादन कर पाई। इस संबंध में एटक के दीपेश मिश्रा ने जारी बयान में कहा है कि कोयला मंत्रालय द्वारा हर वर्ष कोल इंडिया प्रबंधन के लिए कोयला उत्पादन का ही लक्ष्य निर्धारित किया जाता है, हम इसके खिलाफ नहीं हैं पर कायदे से कोयला उत्पादन लक्ष्य के साथ साथ दूसरे दायित्व का भी लक्ष्य कोल इंडिया के लिए निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोल इंडिया एक सार्वजनिक उपत्रढम है और समाज में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत किए जाने वाले कार्यों का भी हर वर्ष लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। इसी तरह वह स्थान जहां कोयला खनन के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है वहाँ के स्थानीय निवासियों के कल्याण के लिए के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया की जवाबदेही तय किया जाना चाहिए। इसकी छमाही समीक्षा भी होनी चाहिए। इसी तरह श्रमिक कल्याण कार्यत्रढम का भी लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। दीपेश मिश्रा ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन सिर्फ कोयला उत्पादन लक्ष्य को ही पूरी तरह तरजीह देती है क्योंकि लक्ष्य प्राप्त करने पर ही कोयला प्रबंधन के अधिकारी तरक्की पाने के हकदार बनते हैं इसलिए दीगर महत्वपूर्ण कार्यों को वे अनदेखा करते रहते हैं। कोयला मंत्रालय समाजिक जन कल्याणकारी कार्यत्रढमों के लिए भी हर वर्ष कोल इंडिया का लक्ष्य निर्धारित करे, इसके लिए आज एटक कार्यालय में एक बैठक कर सर्व सम्मत से प्रस्ताव पारित कर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया गया है। बैठक में एनके दास, राजेश पांडे,सुभाष सिंह, एन के साव,मृत्युंजय,जय मुखर्जी, अनील सिंह,लाल बाबू सिंह, सुरेश ,गुलाम रसूल,नरेंद्र राठौर, अशोक रजक,लतेल राम,एस.एस.मनहर,रवीन्द्र सिंह, उज्जवल बनर्जी, एस.के.प्रसाद, सुबोध सागर, विश्वजीत मुखर्जी,रमाकान्त शर्मा, जे.एल. चंद्रा,देवासिस डे,सुनील रठौर,रामलाल साहू, अजय शर्मा,मनप्रीत सिंह, चंद्र भूषण सिंह,अरविंद चंद्रा,रंजन राम, शिव चौधरी,जीत लाल आदि उपस्थित रहे।