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लाखो का वॉटर एटीएम लोगों के लिए बेकार

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:7 May 2019 3:06 PM GMT
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गरियाबंद,(ब्यूरो छत्तीसगढ़)। नगर के लोग सहित बसों में यात्रा करने वाले लोगो को शुद्ध ठंडा पानी देने के उद्देश्य से नग में लाखों रुपये खर्च कर दो वॉटर ए टी एम बनाया गया है ताकि इसमे उचित राशि डालकर ठंडा पानी ल सके परन्तु यहां तैयार किये गए वॉटर ए टी एम निर्माण होने के बाद कुछ समय तक ही चला और अब तक बन्द पड़ा है जिसे देखने वाला कोई नही है ,वैसे कहने को तो ये वॉटर ए टी एम नगर पालिका के कार्य एजेंसी में बना है परन्तु कुछ नियम कानून के चलते पालिका प्रशासन भी इसे सुधरवाने में दिलचस्पी नही दिखा रही है ।ज्ञात हो कि 12 लाख 25 हजार के हिसाब से नगर के बस स्टैंड और स्थानीय गांधी मैदान में दो वॉटर ए टी एम 24 लाख 50 हजार रुपये में नागपुर के राइट वॉटर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड संस्था के द्वारा निर्माण किया गया है ,जिसका 16 लाख 15 हजार रुपये भुगतान भी किया जा चुका है ,परन्तु इस ए टी एम के द्वारा निर्माण अवधि से अब तक अगर 200 लीटर पानी लोगों को मिला होगा तो बहुत ज्यादा कहा जा सकता है जबकि गांधी मैदान में स्थापित के टी एम नगर के उस वार्ड के लोगो को शुद्ध और ठंडा पानी देने के लिए उपयोग हो सकता था वही बस स्टैंड में स्थापित के टी एम के माध्यम से नगर के लोगों के अलावा बसों में यात्रा करने वाले लोगो को कापी हद तक राहत दे सकता था ,मगर शासकीय लाखो रुपये की लागत से बना ये के टी एम आज कबाड़ की स्थिति में केवल शो पीस बनकर रह गया है ,वही बस स्टैंड में कुछ वर्ष पूर्व यात्रियों के सुविधा के लिए नगर पालिका के द्वारा ही वॉटर कूलर लगाया गया था जो कुछ दिनों तक चला और वो भी खराब स्थिति में पड़ा हुआ है उसे मरम्मत कराने की पुर्सत नगरपालिका को नही है ।बस स्टैंड में यात्रियों को पानी के लिए हो रहे परेशानी को देखते हुए नगर के आशीर्वाद सेवा समिति के द्वारा मटका रखकर सार्वजनिक प्याऊ खोला गया है जो यात्रियों का प्यास बुझा रहा है पिर नगर पालिका की आंख नही खुल रही है ।ज्ञात हो की गर्मी के मौसम आते हि लोगो को पर्याप्त पानी देने के लिए प्रशासन अपना पल करते हुए बन्द पड़े हैंड पम्प और वॉटर कूलर को दुरुस्त कराकर तैयार रखते है ताकि लोगो कों पानी के लिए भटकना न पड़े लेकिन नग में बने लाखो रुपये का वॉटर के टी एम युही ही बन्द पड़ा है जिसे सुधरवाने की पहल की जा रही है और न ही इसे निर्माण किये एजेंसी के ऊपर के ठोस कार्यवाही किया जा रहा है ।इस विषय मे पालिका के सी एम ओ से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस कम्पनी को के टी एम के निर्माण में लगे राशि से 16 लाख 15हजार रुपये का भुगतान तो किया जा चुका है लेकिन शेष बचे राशी 8 लाख 26 हजार रुपये को रोक दिया गया है क्योंकि के टी एम निर्माण के बाद 6 वर्ष तक उसका देखरेख का कार्य कम्पनी के कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है और उस 6 वर्षो में अगर के टी एम खराब हो जाये तो उसे बनाने की जवाबदारी उस पानी की होती है और एवे टी एम बन्द हो गया है जिसके चलते उसका पूरा भुगतान नहीं किया गया ।

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