आरएसएस ने मनाया मकर संकांति उत्सव
रायपुर, (छत्तीसगढ़ ब्यूरो)। संगठन का महामंत्र संघ ने सिखाया पखर राष्ट्रभक्पि का पाठ है पढ़ाया। संकांति का अर्थ है सम्यक दिशा में त्रढांति अर्थात समाज में ऐसी कांति लाना जो सभी पकार से सुख तथा समाज जीवन का उन्नयन करने वाली हो। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्थानीय कचहरी चौक में मकर संत्रढांति उत्सव मनाया गया मुख्य वक्पा के रूप में डायमणि सिदार जिला कार्यवाह एवं मान् जिला संघचालक महेश चंदाकर नगर संघचालक भूपेंद राठोर उपस्थित थे सुभाषित एकल गीत के पश्चात मुख्य वक्पा का उद्बोधन पाप्त हुआ अपने उद्बोधन में आज के दिन भगवान सूर्य मकर राशि में पवेश करते हैं दक्षिणायन समाप्त हो का उत्तरायण पारंभ होता है उत्तरायण देवताओं का दिवस है और दक्षिणायन देवताओं की रात्रि मकर संत्रढांति से सूर्य का पकाश बढ़ने लगता है पकाश बढ़ने के कारण पकृति के जीवन में नई चेतना का तथा उष्मा आने लगती है यह दिन समाज को अज्ञान रुपी अंधकार से पकाश रुपी ज्ञान की ओर जाने की पेरणा देता है यह उत्सव सूर्य आराधना का है इस दिन तिल और गुड़ का पदार्थ खाने की पथा है छोटे छोटे किलो की तरह बिखरे समाज को गुप से बांधकर संगठित करने का संस्कार दिया जाता है इसी तरह संगठित करने का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदू राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है संगठन एवं संस्कार ही संग का पमुख उद्देश्य है।