बारूदी सुरंग के हमलों से कैसे निपटे पुलिस ?
जगदलपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। बस्तर पुलिस के लिए नक्सलियों की बारूदी सुरंग विस्फोट के हमले सिरदर्द बने हुए हैं, क्योंकि ऐसे हमलों से क्षति भी ज्यादा होती है और विस्फोट बाद बदहवास में पुलिस बल इनका पतिरोध भी नहीं कर पाते हैं। यही कारण है कि नक्सली अपने नापाक मंसूबों में कामयाब होते जा रहे हैं। बारूदी सुरंगों को नाकाम करने की आज पर्यंत कोई स्थायी तथा कारगर तरकीब भी नहीं ढूंढी जा सकी है। दम तोड़ती एंटी माईंस व्हीकलें भी बस्तर में नकारा सिद्ध हुई हैं। शायद इसीलिए नक्सली बुलंद हौसलों से मुख्य मार्गों तक बेखौफ घुसपैठ बढ़ाकर खून-खराबा किए जा रहे हैं। पूर्व में नक्सली कच्ची सड़कों पर ही बारूदी सुरंगे बिछाकर वारदात को अंजाम दिया करते थे, किंतु अब उन्हेंने एक विशेष किस्म की मशीन के जरिए पक्के डामरीकृत मार्गें में सुरंगे बिछाने का काम शुरू कर दिया है। इस मशीन से सड़क के एक छोर से दूसरे किनारे तक, जमीन की सतह से पांच-सात फुट नीचे सुरंग खोदकर, मशीन के सहारे आसानी से बारूद दबा दिया जाता है। इस तकनीक से सुरंग बिछाए जाने से सड़के खराब भी नहीं होतीं और सुरंगें रोड ओपनिंग पार्टी के नजर में भी नहीं आ पातीं।