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तेज गर्मी से मछुवारों के समक्ष आजीविका का संकट

👤 admin5 | Updated on:28 May 2017 11:43 AM GMT
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वीर अर्जुन संवाददाता

जगदलपुर। इस बार पड़ रही तेज गर्मी से मछली पालक किसानों की मुश्किल बढ़ गई है और उनके सामने आजीविका का संकट है। उल्लेखनीय है कि जिन किसानों ने मछली पालन के लिए बैंक से कर्ज ले रखा है और गर्मी की वजह से तालाबों में नहीं के बराबर पानी रह गया है। उन तालाबों में पल रही मछलियां मर गई हैं। इससे किसानों को मछली पालन के लिए लिया हुआ कर्ज चुकाने की भी समस्या आ गई है। गर्मी के कारण जिले के 75 फीसदी से ज्यादा तालाब सूख चुके हैं। इस संबंध में बड़े तुमनार के किसान राजूराम कश्यप ने बताया कि विभागीय अधिकारियों की मदद से इस बार मत्स्य पालन के लिए पहली बार 50 हजार रुपए का लोन लिया था। विभाग ने जाल, कतरा, रोहू, मिरगल जैसी अन्य अच्छी ब्रीड की मछलियों के बीज दिए लेकिन अपैल महीना आते तक तालाब सूख गया व पूरी मछलियां मर गईं। ऐसे में अब कर्ज पटाने में परेशानी होगी। जितने पैसे इस काम के लिए खर्च किए उतनी राशि भी नहीं मिल सकी।

विनय राय ने बताया कि स्वयं के खेत में डबरी बनाई ताकि मछली पालन कर सकें। पहले कभी इतनी संख्या में मछलियां नहीं मरी। 15 दिनों में करीब 600 से ज़्यादा मछलियां मर गई। पानी भी कम हो गया है। इस पकार की व्यथा अंचल के सभी किसानों की है। अंचल के एक किसान ने सरकारी अनुदान से तालाब खुदवाया। काम भी अच्छा चल रहा था। एक महीने से अब तालाब में एक मछलियां भी नहीं बची हैं। जिले में छोटे व बड़े मिलाकर कुल 3000 से ज़्यादा शासकीय व निजी तालाब व डबरिया हैं। इनमें करीब 600 में ही नाममात्र के लिए पानी बचा है, बाकी सारी सूख गई हैं। गर्मी के आते ही साप्ताहिक बाजारों में ग्रामीण क्षेत्रों से लाई जा रही मछलियों में भी कमी हो गई है। जिले के अधिकांश तालाब सूख गए हैं। इस संबंध में कृषि स्थायी समिति के सभापति चैतराम अटामी ने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में तालाब सूखना व मछलियों का मरना लाजमी है। कर्ज में डूबे किसानों को राहत पहुंचाने आवश्यक हल निकालने विभागीय अधिकारियों से चर्चा की जाएगी। जो कुछ संभव होगाए किसानों को मदद दी जाएगी। मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एमएल राणा ने बताया कि गर्मी के वक्प जिले वे अधिकांश तालाब व डबरियां सूख जाते हैं। इसी वजह से मछलियां मर जाती हैं । उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिक्वले में करीब 44 डिग्री तापमान है, जिन तालाबों में थोड़ा बहुत पानी है वह अधिक गर्म हो रहा है जो मछलियों के लिए अनुकूल नहीं है।

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