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कांग्रेस नेता तबादला उद्योग चलाकर अपनी मंदी दूर करने में लगे

👤 manish kumar | Updated on:13 Oct 2019 6:22 AM GMT

कांग्रेस नेता तबादला उद्योग चलाकर अपनी मंदी दूर करने में लगे

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रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने छत्तीसगढ़ सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए प्रदेश में अवैध उद्योग चलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने शुरु से ही प्रदेश सरकार के इस तबादला उद्योग पर लगाम लगाने स्वर बुलंद किया है, परन्तु कांग्रेस के नेता व सरकार में बैठे लोग तबादला उद्योग चलाकर अपनी मंदी दूर करने में लगे हुए हैं।शनिवार को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तबादला नीति शुरु से ही संदेह के दायरे में रही है। प्रदेश में लगातार जारी होती तबादला सूची ने न सिर्फ अधिकारियों-कर्मचारियों को भयभीत किया है अपितु इससे कांग्रेस व उनकी सरकार की नीयत व नेतृत्व पर भी प्रश्न खड़ा होना स्वभाविक है।

भाजपा प्रवक्ता श्री सुन्दरानी ने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार तबादला नीति बनाने का ढोंग करती हैं और वहीं तबादले की अवधि 23 अगस्त तक बढ़ा कर अपनी तबादला उद्योग को चलाने का प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि नीति बनाने वाले उद्योग चलाने मे इतने मदमस्त हैं कि अपनी ही बनाई हुई तबादला नीति को धत्ता बताते हुए आज भी पिछली तारीख में धड़ल्ले से तबादला सूची जारी कर तबादला उद्योग चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से पिछली तारीख में तबादले किए जाने की खबर प्रदेश में तबादला उद्योग की साजिशों का भंडाफोड़ करते हैं।

भाजपा प्रवक्ता श्री सुन्दरानी ने कहा कि इससे पूर्व भी शिक्षाकर्मियों के तबादले के लिए चल रही दलाली की सच्चाई जग-जाहिर हो चुकी है। एक मंत्री के निवास में जो स्थानान्तरण को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई वह किसी से छुपी नही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों व अधिकारियों का जिस तरह से स्थानान्तरण किया गया और अब तबादला उद्योग की सफलता के लिए पिछली तारीख में तबादले की खबर से लगता है कि तबादले के नाम पर बोली लगाई जा रही है। उन्होंने सरकार पर प्रदेश की जनता का अहित करने और कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब से कांग्रेस की सरकार आई है हर हफ्ते तबादला सूची जारी होती है जिससे प्रदेश का तमाम वर्ग परेशान है। अधिकारी-कर्मचारी से शेष अतिशेष की स्थिति में आ गए हैं, जिससे विभागीय संतुलन बिगड़ गया है। इस स्थिति से सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं को हो रहा है। श्री सुन्दरानी ने कहा कि आवश्यकता अनुरूप विभागीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए तबादले किए जाने चाहिए परन्तु उद्योग चलाने की नीयत से बिना नीति निर्धारण के नियम कायदों को ताक पर रखकर किए गए ट्रांसफर से आज प्रदेश का संतुलन भूपेश बघेल सरकार ने बिगाड़ कर रख दिया है। एजेंसी

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