तमिलनाडु से गिरफ्तार नक्सली को लाया गया सुकमा
सुकमा । तमिलनाडू के कोयंबटूर से गिरफ्तार माओवादी दीपक उर्फ चंदू को सुकमा पुलिस शनिवार को सुकमा लेकर पहुंची। उसे जगदलपुर न्यायालय में पेश करके न्यायिक रिमांड पर भेजा गया । सुकमा एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि विगत दिन केरल एवं तमिलनाडू में बोर्डर पर हुऐ मुठभेड में घायल नक्सली दीपक को गिफ्तार किया गया। सुकमा जिले में बटालियन का सदस्य रहा है, जो बीजपुर जिले का रहने वाला है। सरेंडर किये नक्सलियों ने इसकी पहुंचान दीपक के रूप में की है, जो 2010 से 2012 के बीच इलाके में कई बडी नकसली घटनाओं में शामिल रहा है। ताडमेटला की घटना, जहां सीआरपीएफ का 76 जवान शहीद हुए थे, इस घटना में शामिल था। इसके बाद ही वह केरल चला गया था तो वह डीवीसी का सदस्य था और उसपर आठ लाख का इनाम प्रशासन ने घोषित कर रखा था। उन्होंने बताया कि अभी घायल अवस्था में हैं उसे रिमाण्ड में लेकर पूछताछ की जायेगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार तमिलनाडू की एसटीएफ की टीम ने मनचाकंडी इलाके में माओवादियों के ट्रेनिंग कैंप पर हमला बोला था , हालांकि दीपक वहां से भाग निकला था लेकिन पुलिस ने लगातार सर्चिंग के बाद उसे केरल-तमिलनाडू बॉर्डर के पास आनाकट्टी इलाके से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली ।
बस्तर में काम करने की बात कबूली
पुलिस सूत्रों की माने तो दीपक वहां माओवादियों को ट्रेनिंग देने पहुंचा हुआ था। इसकी गिरफ्तारी के बाद जब उसे न्यायालय में पेश किया गया तो कोर्ट जाते वक्त भी वह माओवादी के समर्थन में नारे लगा रहा था। पूछताछ में उसने बस्तर में सक्रिय रूप से काम करने की बात भी कबूल की है। तमिलनाडू एसटीएफ ने छत्तीसगढ़ पुलिस से इस सबंध में जानकारी मांगी थी। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने भी दीपक को लेकर कंफर्म कर दिया है कि वह बस्तर में माओवादियों को ट्रेनिंग दिया करता था । माओवादी कैंपों में भी मुख्य ट्रेनर के रूप में वह काम कर चुका है और पुलिस को इसकी लंबे समय से तलाश थी। पुलिस का मनोबल भी दीपक की गिरफ़्तारी से काफी बढ़ा है। साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस माओवादियों के टॉप लीडरशिप के नए ठिकानों को लेकर भी समीक्षा में लगी हुई है। हिस