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कुख्‍यात नक्‍सली रामन्ना की मौत, पालागुड़ा में हुआ अंतिम संस्कार

👤 manish kumar | Updated on:11 Dec 2019 5:30 AM GMT

कुख्‍यात नक्‍सली रामन्ना की मौत, पालागुड़ा में हुआ अंतिम संस्कार

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों में शामिल रहे प्रमुख माओवादी नेता रामन्ना की मौत हो गई है। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पुलिस को विभिन्न सूत्रों से जानकारी मिली है कि, पिछले सप्ताह दिल का दौरा पड़ने से नक्सली नेता रामन्ना की मौत हो गई है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में माओवादियों की तरफ से कोई भी बयान जारी नहीं किया गया है। माओवादी अक्सर अपने बड़े नेताओं की मौत पर बयान जारी करते हैं। चेरला इलाके के हाट बाज़ारों में पहुँचे जहां ग्रामीणों के माध्यम से तेलंगाना पुलिस को खबर मिली है की नक्सली कमांडर रामन्ना का अंतिम संस्कार पालागुड़ा नाम के गांव में कर दिया गया है। ग्रामीणों से इस मामले में और भी पुलिस ने जानकारी ली है पर पूरे मामले पर तेलंगाना पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। दरअसल नक्सली कमांडर रामन्ना की मौत की पुष्टि‍ काफ़ी मुश्किल भरा काम माना जा रहा है। वही पूरे मामले में नक्सलियों द्वारा जारी किए जाने वाले प्रेस विज्ञप्ति का इंतज़ार सभी को है। बहरहाल तेलंगाना के कोत्तागुड़म पुलिस कप्तान सुनिल दत्त शर्मा को ग्रामीणों से रामन्ना की मौत की जानकारी के अनुसार रामन्ना की मौत ताड़मेटला इलाक़े के कुमड़तुंग गांव में हुई थी। ग्रामीणों के अनुसार कोत्तागुड़म पुलिस ने भी रामन्ना की मौत पुष्टि‍ की है।बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि, पुलिस को जानकारी मिली है कि दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव रामन्ना उर्फ रावलु श्रीनिवास की पिछले शनिवार की रात मौत हो गई है। बीजापुर जिले के पामेड़ और बासागुड़ा गांव के मध्य जंगल में उसका अंतिम संस्कार किया गया। सुंदरराज ने बताया कि, रामन्ना की मौत की जानकारी को पुष्ट करने के लिए कई सबूत मिले हैं। लेकिन फिर भी इस संबंध में अधिक जानकारी ली जा रही है। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि, रामन्ना माओवादियों के केंद्रीय समिति का सदस्य था। पिछले कुछ दशक से बस्तर क्षेत्र में हुई बड़ी घटनाओं का वह मास्टरमाइंड था। इनमें 2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों की मौत तथा वर्ष 2013 में दरभा घाटी नक्सली हमला शामिल है। इस हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारे गए थे। रामन्ना तेलंगाना के वारंगल जिले का निवासी था। छत्तीसगढ़ में उस पर 40 लाख रुपये का इनाम है। उसकी पत्नी सावित्री उर्फ सोढ़ी हिडमे एक स्थानीय आदिवासी महिला है। वह दक्षिण बस्तर में प्रमुख माओवादी नेता है तथा किस्टाराम एरिया कमेटी में सचिव के रूप में काम कर रही है। रामन्ना का बेटा रंजीत अपनी मां के समूह में सदस्य के रूप में सक्रिय है। रामन्ना को क्षेत्र में होने वाले नक्सली घटनाओं का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था। वह लंबे समय से बस्तर और पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सली आंदोलन की अगुवाई कर रहा था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि रामन्ना की मृत्यु के बाद स्थानीय नेता कैडर में अपने पद को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। पिछले कुछ समय से तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के नक्सलियों को ज्यादा महत्व मिलने के कारण नक्सली आंदोलन को अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि, रामन्ना पिछले लगभग 30 वर्ष से बस्तर क्षेत्र में सक्रिय था। उसे वर्ष 2011 में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव बनाया गया था। उसने बस्तर में जोनल कमेटी की स्थापना में तथा माओवादी आंदोलन को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। अधिकारी ने कहा कि, रमन्ना की मौत से बस्तर क्षेत्र में माओवादी आंदोलन कमजोर होगा। हिस

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