आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार सुबह जैनम मानस भवन में आयोजित आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने महोत्सव में अहिंसा यात्रा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी के दर्शन कर उनसे प्रदेश में शांति, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद ग्रहण किया।
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को सदैव आचार्य महाश्रमण जी जैसे महात्माओं ने संस्कारित किया है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में परस्पर समन्वय, सद्भाव और भाईचारे की भावना विद्यमान रही है। यहां का समाज शांति और अहिंसा का पक्षधर रहा है। आपके संदेश हमें सचेत करते रहेंगे कि बदलते हुए परिवेश में हमें अपने सदगुणों को और भी अधिक मजबूती के साथ धारण करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहलाता है। लेकिन विगत कुछ वर्षाें से हमारे यहां नक्सल घटनाएं घटित हुई है। आचार्य श्री महाश्रमण जी ने बस्तर से प्रवेश कर रायपुर तक लम्बी यात्रा कर शांति और सद्भाव का संदेश दिया। इन संदेशों और आचार्य जी के व्यक्तित्व का प्रभाव लोगों पर भी पड़ेगा और वे शांति के मार्ग पर लौटेंगे।आचार्य श्री महाश्रमण जी ने इस अवसर पर कहा कि अहिंसा यात्रा का यह सातवां वर्ष है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शांति रहे, यहां भौतिक विकास के साथ-साथ लोगों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास भी होता रहे। शिक्षा संस्थानों में अध्यात्म और नैतिकता जैसे विषयों का अध्ययन चलते रहना चाहिए। जिससे विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के साथ उनका बौद्धिक, भावनात्मक और मानसिक विकास भी हो। उनमें ईमानदारी जैसे सदगुण रहें। ये विद्यार्थी आगे चलकर देश के अच्छे नागरिक साबित होंगे।
आचार्य महाश्रमण मर्यादा महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेलइस अवसर पर संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायकसत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, सहित श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।