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बालिकाआंs की खेल पतियोगिता कराने किसी को रुचि नहीं

👤 veer arjun desk 5 | Updated on:17 Jan 2018 2:15 PM GMT
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जगदलपुर, (ब्यूरो छत्तीसगढ़)। बस्तर में सकिय विभिन्न खेल संघें द्वारा बालिकाआंs के लिए खेल स्पर्धा आयोजित कराने में कोई रूचि नहीं लिए जाने से बालिकाओं का खेल आयोजन नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि बालिका खेलों के लिए सभी कोई घोषणाएं करते हैं, लेकिन आयोजन की जब भारी आती है तब वे पीछे हट जाते हैं, जबकि शासन की नीति के तहत बालिकाओं को खेल में भरपूर पोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है।अभी राष्ट्रीय पतियोगिताओं में बस्तर की 71 बालिकाआंs ने अपने पतिभाआंs की छटा दिखाई। उनमें से 867 बस्तर की बालाओं ने श्रेष्ठ पदर्शन कर बस्तर का नाम रौशन किया। आधारभूत सुविधाओं के अभाव के साथ बस्तर में बालिकाओं को विभिन्न खेलें का पशिक्षण भी नहीं मिल पाता है। जो कुछ भी वे अपनी पतिभा दिखाती हैं वे अपनी समझ तथा अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन व ज्ञान के बल पर करती हैं।

इस संबंध में विभिन्न खेल संघों का कहना है कि उनके पास फंड का अभाव है हम बालिकाआंs के लिए योजनाएं बना रहे हैं और भविष्य में उनके लिए विभिन्न पतियोगिताओं का आयोजन करेंगे। कुछ संघें ने अपनी लाचारी इस तथ्य से पकट की कि बालिकाआंs के खेल आयोजन कराने में कठिनाईयां बहुत आती है और 100 खिलाड़ियों में से केवल 11 या 15 बालिकाओं को ही आयोजन के लिए लिया जाता है। यह उल्लेखनीय है कि भारतवर्ष में स्कूली विद्यार्थियों के लिए सुब्रतो कप फुटबाल का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है और इस पतियोगिता में विदेशें से भी टीमें खेलने के लिए यहां आती हैं। ऐसी ही पतियोगिता में गत तीन वर्ष से लगातार माता रूक्मणी आश्रम डिमरापाल की बालिकाएं राष्ट्रीय स्तर पर इस स्पर्धा में खेलकर अपनी छाप छोड़ रही हैं। इस संबंध में पूर्व महिला खिलाड़ियों का कहना है कि बस्तर की बालिकाओं को यदि सही पशिक्षण मिले और संसाधन पदान किए जाए तो बस्तर की बालाएं किसी क्षेत्र की बालाआंs से कम नहीं है।
उनका पदर्शन अन्यों से अच्छा ही रहेगा।

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