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दवा विनिर्माताओं को चुनिंदा दवाओं के नये दुष्प्रभावों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:18 April 2019 3:02 PM GMT
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नई दिल्ली, (भाषा)। भारतीय औषधि महानियंत्रक ाडीसीजीआईा ने सभी राज्यों के औषधि नियामकों को चुनिंदा एंटीबायोटिक एवं मानसिक रोगों के इलाज में काम आने वाली एंटी-साइकियेट^िक दवाओं के विनिर्माताओं को उत्पाद के साथ इनके नये दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देने का निर्देश देने को कहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्" अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे चुनिंदा दवाओं के नये दुष्प्रभावों के प्रति लोगों एवं चिकित्सकों को जागरूक करना है जिन्हें चुनिंदा स्थितियों में बार-बार सुझाया जाता है।इंडियन फार्माकोपोइया कमिशन ाआईपीसा ने चुनिंदा दवाओं के इस्तेमाल से संबंधित दुष्प्रभावों का आकलन कर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संग"न को नियामकीय दखल के लिये इस बारे में रिपोर्ट दी थी। यह कदम इसी आधार पर उ"ाया गया है।

डीसीजीआई द्वारा भेजे गये पत्र के अनुसार सेफोटैक्साइम जैसे आम इस्तेमाल के एंटी-बायोटिक से एंजियोएडीमा, सूजन जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। इसी तरह सेफीक्सिम के इस्तेमाल से बुखार और ल्युकोसाइटोसिस जैसे दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं। ओफ्लॉक्सासिन से स्टीवन्स-जॉनसन्स सिंड्रोम, शिजोफ्रेनिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाले द्रेटियापाइन से पेशाब संबंधी दिक्कतें तथा सोडियम वालप्रोएट से मसूड़ों में हाइपरप्लेसिया जैसे दुष्प्रभाव होते हैं।डीसीजीआई ने कहा कि दवाओं के साथ अभी भी दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाती है लेकिन इनमें नये दुष्प्रभाव भी शामिल किये जाने चाहिये।

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