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सौर परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कंपनियों को मिलेगा दो साल का समय

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:22 Jun 2018 6:59 PM GMT

सौर परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कंपनियों को मिलेगा दो साल का समय

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नई दिल्ली , (भाषा)। सरकार ने सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने के लिये कंपनियों को दिया जाने वाला समय बढ़ाकर दो साल करने का फैसला किया है। पूर्व में यह समयसीमा 15 महीने थी। एक अधिकारी ने बताया कि बिजली मंत्रालय ने ग्रिड से जुड़ी सौर फोटोवोल्टिक ापीवा परियोजनाओं से बिजली खरीद को लेकर शुल्क आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के लिये दिशानिर्देश में 14 जून को संशोधन किया है। उसने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य सौर परियोजनाएं लगाने के लिये कंपनियों को अधिक समयसीमा उपलब्ध कराना है। नये नियमों के तहत कंपनियों को 250 मेगावाट और उससे अधिक क्षमता की परियोजनाओं को बिजली खरीद समझौते ापीपीएा पर हस्ताक्षर की तारीख से 24 महीने में पूरा करना होगा। पहले यह सीमा 15 महीने थी। इसी प्रकार , 250 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं को पीपीए पर हस्ताक्षर की तारीख से 21 महीने में लागू किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि नया नियम उन परियोजनाओं पर लागू नहीं होगा जिनकी बोली हो चुकी है और क्रियान्वयन के विभिन्न चरण में हैं। उद्योग को उम्मीद है कि सरकार भविष्य की सभी परियोजनाओं के लिये यही समयसीमा अपनाएगी। संशोधित नियमों के तहत सौर बिजली लगाने वाली कंपनियों को पीपीए के क्रियान्वयन की तारीख से एक साल के भीतर वित्त की व्यवस्था करनी होगी।

पहले यह समय सीमा सात महीने थी।

साथ ही शत प्रतिशत जमीन अधिग्रहण के लिये समयसीमा सात महीने से बढ़ाकर एक साल कर दी गयी है।

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