Home » वाणिज्य » मुंबई, (भाषा)। सरकार के अधिकतर खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले के बाद कारोबार के अंतिम समय में की गयी तेज लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स करीब 267 अंक की बढ़त के साथ दो सप्ताह �

मुंबई, (भाषा)। सरकार के अधिकतर खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले के बाद कारोबार के अंतिम समय में की गयी तेज लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स करीब 267 अंक की बढ़त के साथ दो सप्ताह �

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:4 July 2018 6:11 PM GMT

मुंबई, (भाषा)। सरकार के अधिकतर खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले के बाद कारोबार के अंतिम समय में की गयी तेज लिवाली से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स करीब 267 अंक की बढ़त के साथ दो सप्ताह �

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नई दिल्ली, (वीअ)। अखिल भारतीय वैल्युअर संगठन (भारत के विभिन्न वैल्युअर संगठनों के संयुक्त मंच) ने कंपनी अधिनियम (वैल्युअर्स एंड वैल्युएशन) नियम, 2017, के खिलाफ बुधवार 4 जुलाई, 2018 को नई दिल्ली के रासयीना रोड स्थित भारतीय प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन आयोजित की। संगठन के अनुसार 2017 का नया नियम वैल्युअर के पेशे के लिए नुकसानदायक कदम और इस काम की गुणवत्ता के साथ समझौता है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा ]िमलेगा और यह इस पेशे के लिए मौत की घंटी साबित होगा। राजस्थान काउंसल ऑफ इन्कम टैक्स वैल्युअरस के महासचिव इंजीनियर (सिविल) दीपक सूद का मानना है कि न्यूनतम 10 वर्ष तक व्यावहारिक अनुभव के साथ प्रैक्टिस करने वाले ग्रेजुएट इंजीनियरों, आर्पिटेक्ट, टाऊनप्लानरों को ही पंजीकृत वैल्युअर्स के रूप में कार्य करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आखिर किस प्रकार 50 घंटे का प्रशिक्षण, जो ऐसे व्यक्तियों के लिए केवल 6 दिनों में संचालित किया जा रहा है जिनके पास कोई तकनीकी डिग्री नहीं है, वैल्यूएशन पेशे की क्वालिटी सुधार देगा। वैल्युअर एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर कपिल अरोड़ा ने बताया ]िक एनपीए के पीछे असली वजह वैल्युअर्स नहीं है बल्कि आईओवी, आईआईवी, पीवीएआई आदि जैसे निजी संगठनों द्वारा सम्पत्ति कर अधिनियम के नियम 8 (ए) की मनमानी व्याख्या है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार ऐसा कोई पाठ्यक्रम जो यूजीसी या एआईसीटीई द्वारा स्वीकृत नहीं है, अवैध है ।

और इसे भारत में प्रामाणिक नहीं करार दिया जा सकता। इंजीनियर मोहित जैन एवं कर्नल श्री राम बख्शी के अनुसार सरकार द्वारा स्वीकृत वैल्युअर को कंपनी अधिनियम के तहत बिना किसी शर्त के प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस अवसर पर इंजीनियर विजय कुमार सिंह, श्री जेसी बेलवाल, डॉ. एसएन बंसल एवं इंजीनियर निलेश सचदेव ने भी अपने विचार रखे।

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