रिजर्व बैंक समय से पहले नीतिगत कदम से बचे
मुंबई, (भाषा)। रिजर्व बैंक के गवर्नर उज&ित पटेल ने इस महीने मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने के पक्ष में मत देते हुए अपरिपद्र या समय से पूर्व किसी तरह की मौद्रिक कार्वाई से बचने पर जोर दिया था। मौद्रिक नीति समिति ःएमपीसीः की 6-7 जून की बै"क के विवरण के अनुसार पटेल का कहना था कि मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर भारी अनिश्चितता के चलते जल्दबाजी से कोई कदम उ"ाने से बचना चाहिए। एमपीसी की पांच बै"कों में यह पहला मौका था जबकि नीतिगत दरों पर एक सदस्य की राय अन्य सदस्यों से भिन्न थी। एमपीसी की बै"क में पटेल ने बैंकों की दबाव वाली परिसंपत्तियों के जल्द निपटान और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने का काम समय पर पूरा करने का भी जोर दिया था। इस बै"क में बाहरी सदस्य तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के फैकल्टी रविंद्र ढोलकिया नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने रेपो दर में आधा प्रतिशत कटौती पर जोर दिया था। हालांकि, पटेल की अगुवाई वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने इस बारे में बहुमत के आधार पर फैसला करते हुए रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर कायम रखा। मिनट्स के अनुसार ढोलकिया कहना था कि मूल्य और उत्पादन के मार्चे पर हाल में कई उल्लेखनीय घटनाक्dरम हुए हैं। ऐसे में एमपीसी को निर्णायक कदम उ"ाना चाहिए। उनका कहना था कि यह नीतिगत दर में आधा प्रतिशत कटौती के लिए बिल्कुल उपयुक्त समय है।