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मारुति सुजुकी चेयरमैन ने माना, ओला-उबर की वजह से कार बाजार में मंदी

👤 Veer Arjun | Updated on:19 Sep 2019 10:12 AM GMT

मारुति सुजुकी चेयरमैन ने माना, ओला-उबर की वजह से कार बाजार में मंदी

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नई दिल्‍ली । देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन ने आखिरकार ये मान लिया है कि ओला, उबर जैसी एग्रीगेटर टैक्‍सी सेवाओं की वजह से कार बाजार में मंदी आई है। दरअसल आर.सी. भार्गव एक प्रतिष्ठित बिजनेस दैनिक को दिए गए साक्षत्‍कार में इस बात को स्‍वीकार किया है। इसके साथ ही उन्‍होंने इस बारे में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को सही ठहराया है।

इसके पहले वित्‍त मंत्री सीतारमण ने जब ये बात कही थी, तो उसके तत्‍काल प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए मारुति सुजुकी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा था कि वे इससे इत्तेफाक नहीं रखते।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने कुछ दिनों पहले कहा था कि ओला-उबर का उपयोग आजकल के लोग और युवा पसंद करते हैं। सीतारमण ने कहा था कि 'ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बीएस-6 और लोगों की सोच में आए बदलाव का असर पड़ रहा है। खासकर मिलेनियल पीढ़ी के लोग गाड़ी खरीदने की बजाय ओला या उबर को तरजीह दे रहे हैं।'

मारुति के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा कि 'ओला और उबर जैसी राइड-हेलिंग कंपनियों की वजह से भारतीय युवा अब कहीं आने-जाने के लिए कार खरीदना जरूरी नहीं समझते हैं। इसकी जगह अपनी इनकम का ज्यादा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर लगाते हैं।' उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वार दिया गया हाल का बयान 'सही' है।

भार्गव ने कहा कि कारों की कीमतें बढ़ने के साथ ही भारतीयों की क्रयशक्ति नहीं बढ़ रही। उन्होंने कहा कि भारत में लोगों की प्रति व्यक्ति आय मात्र 2,200 डॉलर (करीब 1.56 लाख रुपये सालाना) है, जबकि यूरोप में इसका 18 गुना करीब 40,000 डॉलर। लेकिन भारत और यूरोप में कारों के स्टैंडर्ड में कोई अंतर नहीं है। उन्‍होंने कहा कि टैक्स तो यहां यूरोप और चीन से काफी ज्यादा है। ऐसे में किस तरह से उम्मीद की जा सकती है कि यहां ज्यादा से ज्यादा लोग कार अफोर्ड कर सकें।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले वित्त मंत्री के इस बयान पर मारुति सुजुकी के मार्केटिंग और सेल्‍स के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर शशांक श्रीवास्तव ने कहा था कि ओला-उबर ऑटो इंडस्‍ट्री में मंदी की ठोस वजह नहीं है। साथ ही श्रीवास्तव ने मंदी की वजहों को लेकर स्‍टडी कराने की सलाह दी थी। अगस्‍त में कारों की बिक्री में 29 फीसदी और मारुति की कारों की बिक्री में 36 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। अब ऑटो सेक्‍टर की उम्‍मीद 20 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की गोवा में होने वाली बैठक पर नजर टिकी हुई है।

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