मलविंदर, शिविंदर सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से एक और झटका, हेराफेरी का है आरोप
मलविंदर, शिविंदर सिंह को दिल्ली हाई कोर्ट से एक और झटका, हेराफेरी का है आरोप
नई दिल्ली. रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटरों को मलविंदर और शिविंदर सिंह को कोर्ट एक के बाद एक झटका दे रही है. पहले तो दिल्ली हाई कोर्ट ने दोनों को धोखाधड़ी के मामले में 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. इसके बाद दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया।
अब दोनों को कोर्ट ने एक और झटका दिया है.दिल्ली हाई कोर्ट ने फोर्टिस हेल्थकेयर की ओर से दायर याचिका पर सिंह बंधुओं के साथ ही उनसे जुड़ी एंटिटीज को भी समन जारी किया हैं।
दरअसल फोर्टिस ने बकाया रकम की रिकवरी के लिए सिंह बंधुओं के खिलाफ याचिका दायर की थी. ये याचिका उस रकम के रिकवरी के लिए डाली गई थी. जिसे सिंह बंधुओं ने हड़पा था।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि सिंह बंधुओं को फोर्टिस की ओर से दायर मामले के 30 दिनों के अंदर अपना जवाब देना होगा. इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 22 अक्टूबर तय की है।
आपको बता दें कि ये मामला उस समय सामने आया था जब फोर्टिस के अकाउंट्स की लॉ फर्म लूथरा एंड लूथरा की ओर से की गई एक जांच में कुछ इंटर कॉर्पोरेट डिपॉजिट (ICD) में गड़बड़ियां पाई गई थीं।
जापानी कंपनी का आरोप था कि सिंह बंधुओं ने रैनबैक्सी को बेचते समय महत्वपूर्ण जानकारियां छुपा ली थीं. 21 दिसंबर को सिंगापुर हाइकोर्ट ने एक ट्रिब्यूनल के उस फैसले को सही ठहराया था जिसमें सिंह बंधुओं से दाइची सैंक्यो को 3,500 करोड़ रु. चुकाने के लिए कहा गया था. सिंह बंधु जिस समय दाइची सैंक्यो के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए थे तो उसी समय उनके बीच आपस में ही संदेह पैदा हो गया।
इस रिपोर्ट की अगुवाई रवि राजगोपाल ने जून 2018 में थी. उन्होंने ही इस रिपोर्ट को जारी किया था. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि इन लोन को लेकर मैनेजमेंट को आपत्तियां थी, लेकिन मैनेजमेंट की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया गया।
अब बात अगर पूरे मामले की जाए तो जापानी कंपनी का सिंह बंधुओं पर आरोप थआ कि इन्होंने रैनबैक्सी को बेचते हुए इस से जुड़ी कई अहम जानकारियों को नहीं बताया. सिंह बंधुओं ने कई जानकारियों को छुपा लिया था।
21 दिसंबर को सिंगापुर हाइकोर्ट ने एक ट्रिब्यूनल के उस फैसले को सही ठहराया था जिसमें सिंह बंधुओं से दाइची सैंक्यो को 3,500 करोड़ रुपए चुकाने के लिए कहा गया था. सिंह बंधु जिस समय दाइची सैंक्यो के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए थे तो उसी समय उनके बीच आपस में ही संदेह पैदा हो गया।