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अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए सरकार ने उठाए कई कदम

👤 mukesh | Updated on:14 Dec 2019 7:21 AM GMT

अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए सरकार ने उठाए कई कदम

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नई दिल्ली. अर्थव्यवस्था के मामले पर वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण से पहले देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित किया. उन्‍होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के साथ भारत को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं.

केवी सुब्रमण्यम ने कहा कि अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये के रियल्टी फंड को मंजूरी दी गई. इस फंड में 10,530 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष राशि की व्‍यवस्‍था 13 घरेलू वित्तीय संस्थानों जैसे एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एलआईसी से किया जाएगा. सुब्रमण्‍यन ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के जरिए 60,314 करोड़ रुपये के क्रेडिट एक्सपेंशन को मंजूरी दी गई. इसके अलावा 4.9 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी इनफ्यूज्ड की गई है, जिसमें 2.2 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट, 72,985 करोड़ रुपये, एमएसएमई और खुदरा ग्राहकों को कर्ज के तौर पर 39,453 करोड़ रुपये दिए गए.

उन्‍होंने कहा कि बैंकों में ईमानदारी से फैसले लेने के लिए नया सिस्टम बनाया गया है. पहले दो महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने 61 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाये का पेमेंट किया. इसका मकसद अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाना रहा है. मुख्‍य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि बीते दो दिनों में सरकार ने 7657 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी के 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी. इसके अलावा आने वाले दो हफ्तों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी के प्रस्तावों को मंजूरी देने की योजना है.

साथ ही नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (एनबीएफसी) को कुल 4.47 लाख करोड़ रुपये के कर्ज देने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 1.29 लाख करोड़ रुपये का पूल संपत्ति खरीदने के लिए दिया गया है. केवी सुप्रमण्यम ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लैंडिंग रेट को रेपो रेट से जोड़ने का आदेश दिया है. रेपो रेट से लिंक्ड करीब 72,201 करोड़ रुपये के 8.18 लाख लोन का वितरण 27 नवम्बर,2019 तक किया जा चुका है. इसके साथ 15 नवम्बर,2019 तक एमएसएमई के 5.06 लाख बिल डिस्काउंटिंग को मंजूरी दी जा चुकी है. इससे एमएसएमई को 12,698 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है. उन्‍होंने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 16,716 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. (एजेंसी हिस.)

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