चेन्नई। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग आम जनता को तो परेशान कर ही रही है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) को भी अब फिक्र होने लगी है. वित्त मंत्री ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ मिलकर कोई ऐसा तरीका निकालना होगा जिससे तेल की कीमतें कम की जा सकें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चेन्नई सिटिजन फोरम में बजट के बाद चर्चा पर बोल रहीं थीं. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ना एक अफसोसजनक मुद्दा है. केंद्र और राज्य दोनों ही पेट्रोल से कमाई करते हैं, हम पेट्रोलियम को GST के दायरे में लाने की बात सोच सकते हैं, हो सकता है इस समस्या का यही एक हल हो. उन्होंने कहा कि GST काउंसिल को स्लैब्स को तर्कसंगत बनाने के बारे में सोचना चाहिए'
उन्होंने कहा कि 'ये एक अफसोसनाक मुद्दा है, जिसका जवाब कीमतें कम करने से किसी को भी मंजूर नहीं होगा' उन्होंने कहा कि 'मैं जानती हूं कि मैं एक ऐसे वक्त में रह रहीं हूं जहां मैं सच्चाई की सही तस्वीर सामने लाने के लिए जो कुछ भी कहूंगी, ऐसा लगेगा कि मैं उलजाने की कोशिश कर रहीं हूं, मैं जवाब देने से बच रहीं हूं, मैं आरोपों से बच रहीं हूं.'
उन्होंने टैक्स स्ट्रक्चर समझाया और ये भी कि कैसे OPEC और उसके साथी देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती का असर भारत में रीटेल कीमतों पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि 'शायद इसका जवाब ये है कि पेट्रोल और डीजल को GST (Goods and Services Tax) के दायरे में लाया जाना चाहिए. जिससे टैक्स में एकसमानता आने से इसकी कमियां दूर हो सकेंगी.'
उन्होंने कहा कि 'ये एक तकलीफ देने वाला विषय है और कोई भी मंत्री किसी को भी संतुष्ट नहीं कर सकता क्योंकि भारतीय आखिर भारतीय हैं और मैं भी उनमें से एक हूं, ये सच है कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों को इस पर बात करनी होगी' फिलहाल केंद्र सरकार केंद्र पेट्रोल डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी वसूलती है. 2020 की शुरुआत में पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपये थी, जो अब बढ़ाकर 32.98 रुपये कर दी गई है. इसी तरह डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 15.83 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.83 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है.