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विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 8.3 फीसदी बरकरार रखा

👤 mukesh | Updated on:12 Jan 2022 8:14 PM GMT

विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 8.3 फीसदी बरकरार रखा

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- साल 2022 में वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 4.1 फीसदी किया

नई दिल्ली। विश्व बैंक (World Bank ) ने वित्त वर्ष 2021-22 (financial year 2021-22) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट (India's Gross Domestic Product (GDP) Growth Rate) के अपने अनुमान को 8.3 फीसदी पर बरकरार (Maintains the estimate at 8.3 per cent) रखा है। इसके साथ ही विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 8.7 फीसदी और 6.8 फीसदी कर दिया है। हालांकि, भारत सरकार के एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 9.2 फीसदी रह सकती है।

विश्व बैंक ने देर रात जारी ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्टस रिपोर्ट में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट को लेकर यह अनुमान जताया है। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर दो बड़े अनुमान में करीब एक फीसदी का अंतर देखा जा रहा है। विश्व बैंक के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 8.3 फीसदी के करीब है, जबकि राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने हाल ही में जारी आंकड़े में देश की विकास दर वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।

ग्लोबल ग्रोथ रेट में गिरावट रहने का जताया अनुमान

विश्व बैंक के मुताबिक साल 2021 में ग्लोबल ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रही है। हालांकि, साल 2022 में इसमें गिरावट आने के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं, जो 4.1 फीसदी रह सकती है। वहीं, साल 2023 में यह और घटकर 3.2 फीसदी पर आ सकती है। विश्व बैंक ने इसके पीछे पेंट-अप डिमांड के धीमा पड़ने और सरकारों की तरफ से कोविड-19 महामारी में बड़े पैमाने पर जारी किए वित्तीय उपायों के असर के कम पड़ने को इसकी वजह बताया है।

उल्लेखनीय है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। जीडीपी किसी देश के आर्थिक विकास का सबसे बड़ा पैमाना है। जीडीपी अधिक होने का मतलब है कि देश की आर्थिक बढ़ोतरी हो रही है। इसका मतलब यह भी है कि अर्थव्यवस्था ज्यादा रोजगार पैदा कर रही है। इससे लोगों की आमदनी बढ़ रही है। (एजेंसी, हि.स.)

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