कुत्तों और बंदरों के आंतक से निपटने के लिए बनी विधायकों की कमेटी
हमारे संवाददाता
नई दिल्ली । कुत्ते-बंदर कैसे पकड़े जाएं इस का समाधान अब विधायक निकालेंगे। सुनने में ज़रूर अटपटा सा लगेगा लेकिन ये सच है। दरअसल, दिल्ली में बढ़ रही कुत्तों और बंदरों की समस्या अब आम नहीं है। पहले संसद में खुद उपराष्ट्रपति ने इस समस्या को उठाया था और अब दिल्ली विधानसभा में भी बंदरों और कुत्तों की समस्या का विषय जोरों पर रहा। दिल्ली विधानसभा में आधा दर्जन विधायकों ने सदन को बताया कि उनके इलाके में कुत्तों और बंदरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके कारण ना सिर्फ स्थानीय लोगों को बल्कि खुद विधायकों को भी रात के वक़्त घर से निकलते वक्त डर लगता है।
इस विषय पर विधायकों ने एक मत में एमसीडी को ज़िम्मेदार ठहराते हुए बंदर व कुत्ते पकड़ने की ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार को अपने हाथ में लेने की सलाह भी दे डाली. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने भी इस विषय पर चिंता व्यक्त की और दिल्ली विधानसभा में घटित एक घटना का प़ा करते हुए बताया कि विधानसभा में भी बंदरों के आतंक के कारण एक व्यक्ति की जान जाते जाते बची. इस विषय की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली विधानसभा ने 5 विधायकों सौरभ भारद्वाज, अलका लांबा, राजेश ऋषि, ओपी शर्मा की एक कमेटी बनाई है, जिसकी अध्यक्षता सोमनाथ भारती करेंगे।
बंदरों और कुत्तों के काटने से कई लोगों की मौत के मामले भी कई बार सामने आ चुके हैं, वहीं वर्ष 2007 में तत्कालीन उप महापौर एसएस बाजवा को भी बंदरों के कारण अपनी जान से हाथ धोने पड़े थे। दिल्ली में लोगों की आबादी तो बढ़ ही रही है, जिनके लिए सिर छुपाने के लिए जगह ढूंढना बहुत मुश्किल होता जा रहा है लेकिन ये विधायक इन कुत्तों के लिए अलग-अलग मोहल्ला बसाने की बात कह रहे हैं।