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कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को लिखी चिट्ठी, निलंबन पर पूछे सवाल

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:18 July 2017 6:32 PM GMT

कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को लिखी चिट्ठी, निलंबन पर पूछे सवाल

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नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अपने निलम्बन की वजह पूछी है. एक के बाद एक 12 सवाल करते हुए मिश्रा ने पार्टी का संविधान भी साझा किया है, जिसे उन्होंने पॉलिटिकल अफेयर कमिटी के तमाम सदस्यों को भेजा है. मिश्रा ने 'आप' नेताओं से 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है. उधर सूत्रों की मानें तो पार्टी ने शिकायत मिलने के बाद निलंबन का फैसला लिया था, जिसकी एक कमिटी फिलहाल जांच कर रही है.
पढ़िए... कपिल मिश्रा की अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी-
आदरणीय राष्ट्रीय संयोजक
आम आदमी पार्टी
विषय - आम आदमी पार्टी की PAC द्वारा पार्टी संविधान के उल्लंघन, बिना प्रक्रिया के निलंबन व नियमों की अवहेलना पर नोटिस
महोदय
सर्वप्रथम , ये एक नोटिस है जो आपको व पार्टी की PAC के सभी सदस्यों को भेज रहा हूँ।
आपके नेतृत्व में पार्टी की PAC के द्वारा पार्टी संविधान का उल्लंघन करके, बिना प्रक्रियाओं का पालन किये, बिना मुझे कोई नोटिस दिए, बिना मुझे अपनी बात कहने का अवसर दिए जिस प्रकार मेरे निलंबन की घोषणा की गई व उसके बाद भी लगभग 2 महीने तक मुझे इस संबंध में किसी भी प्रकार का कोई नोटिस व जानकारी न दिए जाने के संदर्भ में ये नोटिस है।
कुछ प्रश्न :-
1. क्या मुझे पार्टी की सदस्यता से निलंबित करने का फैसला पार्टी की PAC के द्वारा किया गया है? यदि हां, तो ये फैसला कब किया गया, किस मीटिंग में? कृपया उस मीटिंग में सभी मिनट्स सार्वजनिक किए जाए।
2. यदि पार्टी की PAC ने मुझे निलंबित किया है, तो कृपया ये बताएं कि मेरे खिलाफ क्या शिकायत थी व ये शिकायत PAC को किसने व कब की थी?
3. पार्टी के संविधान के अनुसार किसी भी सदस्य को निलंबित करने का निर्णय केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही पेन्डिंग होने की स्थिति में किया जा सकता है, जबकि मेरे खिलाफ आज तक भी किसी भी प्रकार की कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही नही पेंडिंग है।
4. पार्टी के संविधान के अनुसार बिना अपनी बात रखने का अवसर दिए, किसी के भी खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही संभव ही नहीं, तो मेरे बारे में अगर कोई निर्णय लिया गया है वो गैर कानूनी है। ऐसा गैर कानूनी निर्णय करने का कारण क्या है?
5. पार्टी के संविधान के मुताबिक किसी भी सदस्य द्वारा अपने स्वतंत्र विचार रखना , सदस्य के निलंबन का कारण नहीं बन सकता। पार्टी का प्रमुख ऑब्जेक्टिव भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना है और मेरे द्वाराभ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर मुझे गैर कानूनी तरीके से निलंबित क्यों किया गया?
6. मैं आपको बताना चाहता हूँ कि अगर पार्टी की PAC ने मुझे निलंबित करने का निर्णय लिया है तो ये गैर कानूनी है क्योंकि
a. मैंने पार्टी के मूल ऑब्जेक्टिव यानी भ्रष्टाचार से लड़ने का ही काम किया है।
b. मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु न कोई कमेटी बनाई गई, न मुझे कोई नोटिस दिया गया, न मुझे अपनी बात रखने का अवसर दिया गया और न ही उस दिन की PAC की मीटिंग के कोई मिनट्स, किस सदस्य के क्या कहा, क्या इस संदर्भ में PAC में कोई वोटिंग हुई, ऐसी कोई भी जानकारी अभी तक मुझे नहीं दी गयी.
c. सदस्य के निलंबन हेतु पार्टी के संविधान में जितने भी प्रावधान है, सभी का खुलेआम उल्लंघन किया गया है। क्या पार्टी PAC , पार्टी के संविधान से भी बड़ी हो गई है?
7. क्या ऐसा निर्णय करते समय PAC के सामने मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई भी मामला या शिकायत थी?
8. मैंने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के भ्रष्ट होने की बात सार्वजनिक की, उनके रिश्तेदारों के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने की बात बताई व सरकार के एक मंत्री के भ्रष्टाचार के मामलों को उठाया, क्या पार्टी के संविधान में ये कोई गुनाह है?
9. गैर कानूनी तरीके से निलंबित करने की घोषणा करने के बावजूद, पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवालविधानसभा के हर सत्र में व्हिप जारी करवाकर मेरे वोट की भीख क्यों मांगते है?
10. विधानसभा में मुझसे व्हिप द्वारा पार्टी लाइन पर वोट डलवाने की भीख मांगना व विधानसभा के बाहर गैर कानूनी तरीके से निलंबित रखना मूर्खता नहीं तो और क्या ?
11. मैं आपको व PAC के सभी सदस्यों को चुनौती देता हूँ कि मंत्री के तौर पर मेरे द्वारा किए गए सभी कार्यो, निर्णयों व फाइलों को सार्वजनिक कर दिया जाए. एक मुख्यमंत्री के तौर पर आप ऐसा तुरंत कर सकते है. मैं चुनौती देता हूँ कि मेरी, आपकी व सभी मंत्रियों की सभी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया जाए. जो भ्रष्ट साबित हो उसे पार्टी से निकाल दिया जाए. बताइये है आम आदमी पार्टी की PAC में ये हिम्मत?
12. मैं आपको व PAC के सभी सदस्यों को 7 दिन के अंदर मेरे इस नोटिस का जवाब देने का समय देता हूँ और ये हिदायत भी देता हूँ कि चंद भ्रष्टाचारियों को बचाने के चक्कर मे पूरी पार्टी के संविधान की धज्जियां न उड़ाई जाए.
आपका
कपिल मिश्रा

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