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सीलिंग को ले दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा
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हमारे संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया। सत्र के पहले दिन ही दिल्ली नगर निगम की ओर से की जा रही सीलिंग की कार्रवाई को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सदन में जमकर बवाल काटा। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के खिलाफ न केवल नारेबाजी कि बल्कि सदन को चलने ही नहीं दिया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जहां सीलिंग कार्रवाई पर चर्चा की मांग की तो विपक्ष ने नियम-54 के तहत 351 सड़कों को नोटिफाई नहीं किये जाने के मामले पर चर्चा कराने की मांगी। इसको लेकर दोनों पक्षों के सदस्यों ने नारेबाजी की जिसके चलते चार बार सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
सदन की कार्यवाही दो बजे शुरू होने के साथ ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने दिल्ली नगर निगमों की ओर से की जा रही सीलिंग कार्रवाई के विरोध में वैल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। हाथों में बैनर लेकर सदन में जोर शोर से सीलिंग और कन्वर्जन चार्ज के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने भी दिल्ली सरकार की ओर से 10 सालों में 351 सड़कों को नोटिफाई नहीं करने के मामले को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।
दोनों पक्षों की ओर से हंगामा और नारेबाजी के चलते विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को चार बार कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। पहली बार सदन की कार्यवाही दोपहर 2.15 बजे दस मिनट के लिये, 2.40 बजे दस मिनट के लिये, दोपहर 3.20 बजे 15 मिनट के लिये और 3.45 बजे चौथी बार स्थगित हुई।
तय समय के लिये स्थगित होने के बाद भी कार्यवाही 15 से 25 मिनट विलंब से पुनः शुरू हुई। जब-जब कार्यवाही पुनः शुरू हुई शोर शराबे और हंगामें में ही चलती रही। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बार-बार दोनों पक्षों को बैठने और शांति बनाने का आग्रह किया। लेकिन अध्यक्ष गोयल के आग्रह को दरकिनार कर विपक्ष नेता विजेन्द्र गुप्ता व अन्य सदस्य नियम-54 के तहत 351 सड़कों को नोटिफाई कराने की मांग को लेकर चर्चा कराने पर अड़ा रहा। इस बीच डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर वक्तव्य देना चाहा लेकिन विपक्ष ने इसको अनसुना कर दिया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गोयल ने विजेन्द्र गुप्ता व मंजिन्दर सिंह सिरसा को मार्शल के जरिये सदन से बाहर करा दिया।
बाकी दो अन्य सदस्य ओपी शर्मा और जगदीश प्रधान स्वयं ही वॉकआउट कर गये। विपक्ष की गैर-मौजूदगी में निगम की सीलिंग कार्रवाई के खिलाफ सदन में नियम-55 के तहत अल्पकालिक चर्चा कराई गई। इसमें सत्तारूढ़ दल के सदस्य मदन लाल, अनिल बाजपेई, विशेष रवि, अलका लांबा, सौरभ भारद्वाज समेत अन्य सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया और निगम की सीलिंग कार्रवाई की कड़ी आलोचना की।
चर्चा मंगलवार को भी जारी रहेगी। 18 जनवरी को दिल्ली के तीनों नगर निगम आयुक्तों को सदन के समक्ष तलब करने की मांग भी की गई है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुये कहा कि सीलिंग कार्रवाई पैसा कमाने के लिये की जा रही है।
भाजपा इन 351 सड़कों पर चल रही कमर्शियल गतिविधियों वालों का शोषण करना चाहती है। इसकी वजह से आज तक इन सड़कों को नोटिफाई कराने की जरूरत महसूस नहीं की गई। इन सड़कों का दिल्ली नगर निगम ने दुधारू गाय बना कर रखा है।
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