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अगली लड़ाई राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह के खिलाफ : अन्ना हजारे
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वीर अर्जुन संवाददाता
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे चुनाव सुधार की मांग को लेकर अपने अगले आंदोलन में राजनीतिक दलों को आवंटित चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाने की व्यवस्था को खत्म करने की मांग को प्रमुखता से उ"ायेंगे। अन्ना हजारे का पूर्व घोषित आंदोलन आगामी 23 मार्च से दिल्ली में जंतर मंतर पर होगा।
यहां एक कार्यक्रम में हजारे ने आज कहा कि संविधान में राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवारों के समूहों को चुनाव लड़वाने की व्यवस्था का कहीं भी उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि विधायिका के सदस्य बनने की योग्यता का निर्धारण करने वाले संविधान के अनुच्छेद 84 में समूहों को नहीं बल्कि उम्र की सीमा को पूरा करने वाले नागरिक को चुनाव लड़ने की छूट दी गयी है। उन्होंने दावा किया कि संविधान में राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवारों के समूहों को चुनाव लड़वाने का कोई प्रावधान नहीं है।
हजारे ने चुनावी राजनीति में भ्रष्टाचार के लिये चुनाव चिन्ह को ही मुख्य कारण बताते हुये कहा हमारे लंबे आंदोलन के परिणामस्वरूप चुनाव आयोग ने मतपत्रों में उम्मीदवार के नाम के साथ उसकी तस्वीर लगाना तो शुरू कर दिया है लेकिन चुनाव चिन्ह का अभी भी इस्तेमाल हो रहा है। इससे जनता अपनी पसंद के उम्मीदवार को चुनने के बजाय राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह को चुनती है। उन्होंने कहा कि किसी दल विशेष को चुनने के बजाय श्रेष्" उम्मीदवार को चुनने हेतु वह देश भर में घूमकर जनता को जागरुक कर रहे हैं। हजारे ने क्रहा कि संविधान की मूल भावना के मुताबिक समूह के बजाय व्यक्ति का चुनाव करने वाली चुनाव व्यवस्था लागू कराने की मांग को लेकर ही वह अगला आंदोलन करेंगे। आगामी 23 मार्च से प्रस्तावित इस आंदोलन की विस्तृत रूपरेखा का खुलासा हजारे कल करेंगे।
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