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आप सरकार, डीडीए के विकलांगता संबंधी आडिट ना करने से उच्च न्यायालय नाराज विधि संवाददाता

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:21 March 2018 5:50 PM GMT
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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बार बार आदेश दिए जाने के बावजूद अपनी इमारतों में विकलांगता अनुकूल स्थिति के लेखा परीक्षण के लिए कदम ना उ"ाने को लेकर आज आप सरकार एवं दिल्ली विकास प्राधिकरण( डीडीए) से अप्रसन्नता जतायी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पी" ने प्राधिकरणों को लेखा परीक्षण के लिए लोकोमोटर डिसेबिलिटी (चलने फिरने में अक्षमता) से ग्रस्त याचिकाकर्ता एवं उसके गैर सरकारी संग"न की सेवाएं लेने को कहा। पी" ने 29 वर्षीय याचिकाकर्ता निपुण मल्होत्रा से सभी स्तरों पर इन प्राधिकरणों के सभी अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था करने को कहा ताकि उन्हें विकलांगता और विशेष जरूरतों वाले लोगों की आवश्यकताओं को लेकर संवेदनशील बनाया जाए। दिल्ली सरकार और डीडीए के अलावा दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने भी अपने परिसरों में खासकर अपने 10 इंटरचेंज स्टेशनों पर विकलांगता संबंधी लेखा परीक्षण नहीं कराया है। अदालत ने डीएमआरसी को चार हफ्ते के भीतर काम पूरा करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई 19 अप्रैल को तय कर दी। इस तरह के आदेश उन दूसरे स्थानीय निकायों को भी दिए गए जिन्होंने अब तक विकलांगता संबंधी लेखा परीक्षण नहीं कराया है। अदालत वकील जय देहद्राई के जरिये दायर की गयी याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतर सार्वजनिक प्रतिष्"ान विकलांगों के अनुकूल नहीं हैं। याचिका में शहर की सड़कों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक परिवहन को विकलांगों के अनुकूल बनाने के निर्देश देने की मांग की गयी है।

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