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बजट एक बार फिर खोखला कागजी बजट : माकन हमारे संवाददाता

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:22 March 2018 6:38 PM GMT
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नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा2018-2019का बजट एक बार फिर खोखला कागजी बजट है जिसमें आंकड़ों की जादूगरी की गई है,यह बजट जनता की आशाओं के अनुरुप नही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने जिस प्रकार पिछले3बजटों में जो काम करने के वायदे किए थे वे पूरे नही हुए बल्कि विभिन्न विभागों के बजट का फंड लैप्स हुआ है। इसलिए आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में बढ़ाए गए बजट का कोई औचित्य नही रह जाता। प्रदेश कार्यालय में श्री अजय माकन के साथ पूर्व मंत्रियों व पूर्व विधानसभा अध्यक्षों ने दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए बजट को टीवी पीन पर देखा और उसके पश्चात सभी ने अलग-अलग विषयों पर अपनी प्रतिािढयाएं दी।

प्रतिािढया व्यक्त करने वालों में श्री अरविन्दर सिंह लवली ने शिक्षा पर,श्री हारुन यूसूफ ने परिवहन पर,श्री सुभाष चौपड़ा ने झुग्गी झौपड़ी पर,डा0योगानन्द शास्त्राr ने पीडबलूडी पर,डा0किरण वालिया ने प्रदूषण पर,श्री रमाकांत गोस्वामी ने दिल्ली जल बोर्ड पर,श्री मंगतराम सिंघल ने औद्योगिक विभाग एवं उद्योग धंधों पर,शर्मिष्ठा मुखर्जी ने नशामुक्ति पर,डा0नरेन्द्र नाथ ने बिजली पर अपनी प्रतिािढयाऐं दी।अजय माकन ने कहा आज दिन दिल्ली कांग्रेस के बड़ा ऐतिहासिक है क्योंकि आज आप पार्टी के बजट पर प्रतिािढया व्यक्त करने के लिए श्रीमती शीला दीक्षित सरकार के सभी मंत्री व विधानसभा अध्यक्ष मौजूद थे। श्री माकन ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार नेश्रीमती शीला दीक्षित के नेतृत्व में15वर्षों में दिल्ली के विकास के लिए जो कार्य किए वे बेमिसाल है जबकि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने3वर्षों में कांग्रेस द्वारा किए गए कार्यां को ही खत्म कर दिया।
माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने पहले बजट2015-16का नाम स्वराज बजट रखा था जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जनता से पूछकर बजट बनाया है,जबकि सच्चाई यह है कि उन्होंने एक या दो जगह पर बैठकें की और जब लोगों ने उनके काम को लेकर सवाल जवाब करने शुरु कर दिए तो उन्होंने बैठकें नही की।2016-17के बजट को आप पाटी की दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन बजट का नाम दिया था,जबकि सबको मालूम है ऑड-इवन का परिणाम क्या रहा और दिल्ली में प्रदूषण की हालत दिन प्रतिदिन बढ़ती गई। इसी प्रकार इन्होंने2017-18के बजट का अपनी पीठ थपथपाते हुए यह कहा था कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार वे आउटकम बजट पेश कर रहे है,जबकि दिल्ली सरकार की वेबसाईट में यह साफ तौर पर लिखा हुआ है कि2006से कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने आउटकम बजट पेश किए है।
माकन ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया द्वारा आज पेश किए गए2018-19के बजट को ग्रीन बजट का नाम दिया गया है जो कि सिर्फ खोखला वायदा है,क्योंकि तीन वर्षों में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार दिल्ली में प्रदूषण को रोकने में पूरी तरह से असफल रही है और प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। श्री माकन ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(Aघ्घ्श्ए)दिल्ली ने सांस की बीमारी को लेकर एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि दिल्ली के25प्रतिशत बच्चों के फैंफडां की सांस लेने की क्षमता घटी है।उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष टायफाईड के टीकों के वितरण का लक्ष्य जहां3.6लाख लोगों को बांटने का बनाया गया था उनमें से केवल7356टीके वितरण हो पाए।
इसी प्रकार एमएमआर टीके का जहां लक्ष्य3.26लाख था उनमें से केवल5631ही वितरित हो पाए थे।इसी प्रकार जहां9-11वर्ष के बच्चों को टीकाकरण करने का लक्ष्य3.74लाख था,वहीं केवल1.89लाख बच्चों का टीकाकरण हो पाया।
श्री अजय माकन ने कहा कि बड़ी अजीब बात है कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के सभी बजटों में1500डीटीसी बसों का खरीदा जाना, 1000मौहल्ला क्लीनिक,दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे व निशुल्क वाईफाई की बात की गई है,जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है और एक भी वायदा पूरा नही किया।
बजट पर प्रतिािढया देते हुए डा0ऐ0के0वालिया ने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर बजट में मात्र घोषणाएं है और दिल्ली का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। डा0वालिया ने कहा कि आप पार्टी ने1000मौहल्ला क्लीनिक खोलने का वायदा किया था,जिसमें से3वर्षों में दिसम्बर2017तक160मौहल्ला क्लीनिक ही खुल पाए है। पहले से850डिस्पेन्सरियां मौजूद है जिनमें और सुविधाएं देने की जरुरत है,परंतु ऐसा कुछ नही हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के आखिरी वर्ष में दिल्ली में39अस्पताल थे और आज स्थिति यह है एक भी नया अस्पताल नही बनाया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में3सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल कांग्रेस के कार्यकाल में स्थापित किए थे परंतु उनमें और ज्यादा सुविधाए बढ़ाने की बात आप पार्टी ने की जो उन्होंने नही किया। डा0वालिया ने कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने अस्पतालां में नए बेड बढ़ाने की बात है परंतु जब एक भी नया अस्पताल नही बनाया गया तो बेड कहां पर बढ़ाए गए है। उन्होंने अस्पतालों की खस्ता हालत का पा करते हुए कहा कि जीबी पंत अस्पताल में पिछले कई महीनों से एमआरआई की मशीन खराब पड़ी है परंतु उसे ठीक नही करवाया जा रहा।
श्री अरविन्दर सिंह लवली ने बजट पर प्रतिािढया देते हुए कहा कि विद्यार्थी,स्कूल और अध्यापक शिक्षा का आधारभूत पैमाना होता हैं। उन्होंने कहा कि आप पार्टी का यह दावा कि उन्होंने शिक्षा में पिछले वर्ष70प्रतिशत बजट खर्च कर दिया है यह झूठ है और उन्होंने झूठे आंकड़े प्रदशित किए है,दिसम्बर तक वे60-70प्रतिशत शिक्षा के बजट को खर्च ही नही कर पाए। श्री लवली ने कहा कि आउटकम बजट में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में14इंडीकेटर का पा किया था उन्ही को गायब कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के बैठने के लिए डेस्को की भारी कमी है और इस कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान बजट में कोई बात नही की गई। इसकी प्रकार एससीईआरटी का पा भी नही किया गया। जहां पर अध्यापक प्रशिक्षण लेते है और किताबे छपती है।
श्री अरविन्दर सिंह लवली कहा कि आप पार्टी की दिल्ली सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक कार्यों के खोखले दावों की पोल इससे खुल जाती है कि जब पिछले वर्ष में एक लाख विद्यार्थी सरकारी स्कूल छोड़कर चले गए थे और10वीं और12वीं के40हजार विद्यार्थी कम पास हुए। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में53प्रतिशत प्रीसिंपल और वाईस प्रींसिपल के पद नही भरे गए है। श्री लवली ने कहा कि न सिर्फ स्कूली शिक्षा बल्कि तकनीकी शिक्षा में भी दिल्ली की सरकार पिछड़ गई है। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा में जहां विद्यार्थियों की औसत संख्या5000होती थी वह कम होकर3718रह गई है,पोलीटेक्नीक में यह760से कम होकर441रह गई है,वर्ल्ड स्कील सेन्टर में665से कम होकर341रह गई है। उन्होने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने34स्कूल नए बनते थे या अपग्रेड होते थे जबकि आप पार्टी के शासन में यह14रह गया है।
श्री हारुण यूसूफ ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार आई है तब से दिल्ली में परिवहन व्यवस्था ठप पड़ गई है। जहांवित वर्ष2016-17में प्रतिदिन डीटीसी से चलने वाले यात्रियों का औसत32लाख प्रतिदिन था वह घटकर30.44लाख रह गया है। दिल्ली मेट्रो से चलने वाले यात्रियों की संख्या जहां2016-17में28लाख प्रतिदिन थी और2017-18में जहां30लाख का लक्ष्य रखा गया था वह कम होकर25.7लाख रह गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में जहां डीटीसी के बेड़े में5100बसें थी वह घटकर3700रह गई।श्री हारुन ने कहा कि2015-16में इन्हांने1380लो फ्लोर बसें तथा500मिनी बसे लाने का प्रावधान रखा था। इसी प्रकार2016-17के बजट में1000लो-फलोर बसे, 1000प्रीमियम केटेगरी की बसें तथा736कलस्टर बसें लाने की बात की थी परंतु2017-18तक केवल37कलस्टर बसें तथा एक डीटीसी की बस ही खरीद पाए।

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