Home » दिल्ली » आतंकवाद का कोई धर्म नही होता तो संघर्ष विराम रमजान में ही क्यों: यूनाइटेड हिन्दू पंट

आतंकवाद का कोई धर्म नही होता तो संघर्ष विराम रमजान में ही क्यों: यूनाइटेड हिन्दू पंट

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:16 May 2018 6:58 PM GMT

आतंकवाद का कोई धर्म नही होता तो संघर्ष विराम रमजान में ही क्यों: यूनाइटेड हिन्दू पंट

Share Post

हमारे संवाददाता

नई दिल्ली । यूनाईटेड हिन्दू पंट (हिन्दू संगठनों का समूह) के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जय भगवान गोयल ने आज यहां कहा कि जम्मू-कश्मीर में रमजान के महीने में सशस्त्र बलों को आंतकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने के आदेश को उचित नहीं ठहराया जा सकता। इससे ने केवल सशस्त्र बलों का मनोबल गिरेगा बल्कि पाकिस्तान के इशारे पर हिन्दुस्तान सरकार के विरुद्ध विद्रोह करने वाले आंतकियों के हौसले भी बुलन्द होंगे।
श्री गोयल ने कहा कि धर्म के नाम पर ब्लैकमेलिंग पाकिस्तान और आंतकवादियों का पुराना हथकण्डा रहा है। क्या एकतरफा संघर्ष विराम रावलपिंडी में पाकिस्तान सेना के मुख्यालय पर जश्न का माहौल नहीं पैदा कर देगा। क्या जम्मू-कश्मीर के पत्थरबाज रमजान में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने से रुकेंगे, निश्चय ही नहीं। केन्द्र सरकार को इनके पाब्यूह में फंसने से बचना चाहिए। यहां प्रश्न उठता है कि आखिर रमजान में ही क्यों संघर्ष विराम होना चाहिए? जब यह कहा जाता है कि आंतकवाद का कोई धर्म नहीं होता तो संघर्ष विराम को धार्मिक पर्व से क्यों जोड़ा जाता है। यदि रमजान में संघर्ष विराम जरुरी है तो नवरात्रि और दीपावली पर भी होना चाहिए। क्या आंतकवादी इस दौरान शांति बहाली पर अमल करेंगें? यदि मुस्लमानों का शांति से ईद मनाना जरुरी है तो हमारा शांति से होली और दीपावली मनाना भी उतना ही जरुरी है। अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में शांति की अपील केंद्र सरकार को करनी चाहिए। श्री गोयल ने कहा कि सुरक्षा बल जिस तरह आपसी सांमजस्य से आंतकवादी गिरोहों के ठिकाने ध्वस्त करने और आंतकवादियों को मौत के घाट उतारने में सफल हो रहे हैं, ऐसे में कोई कमजोर कदम उठाना देश हित में कदापि नहीं हो सकता। केन्द्र को इस पर पुर्नविचार करना चाहिए।

Share it
Top