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डुसू चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को गंदा नहीं होने दिया जाए : दिल्ली उच्च न्यायालय

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:16 July 2018 6:39 PM GMT

डुसू चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को गंदा नहीं होने दिया जाए : दिल्ली उच्च न्यायालय

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वीर अर्जुन संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज केंद्र , दिल्ली विश्वविद्यालय और शहर की पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आगामी डुसू चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति गंदा नहीं हो। साथ ही , इस तरह की गतिविधियों के दंडनीय परिणाम के बारे में व्यापक रूप से प्रचार किया जाए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की सदस्यता वाली पी" ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को गंदा करने का मतलब सार्वजनिक संपत्ति पर सिर्फ तस्वीरें चस्पा करना या नारे लिखना भर नहीं है , इसमें पोस्टर और होर्डिंग लगाना भी शामिल है।

अदालत ने अधिकारियों को इस सिलसिले में कदम उ"ाने का निर्देश दिया है। पी" ने अधिकारियों से दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों और परिसर में इस बारे में व्यापक प्रचार करने को भी कहा कि इस अपराध के लिए दंडनीय प्रावधान हैं।

अदालत को बताया गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डुसू) चुनाव के सितंबर में होने की संभावना है। अदालत अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने डुसू चुनाव के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को गंदा किए जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की मांग की थी। पी" ने दिल्ली सरकार के वकील संजय घोष को यह सुनिश्चित करने को कहा कि दिल्ली पुलिस इस पर सख्त कार्वाई करे।

अदालत ने पिछले साल विश्वविद्यालय चुनाव के दौरान दिल्ली मेट्रो की संपत्ति को गंदा करने वाले डीयू के छात्रों को दिल्ली मेट्रो रेल निगम साइटों के सौंदर्यीकरण के लिए आयोजित बै"क में हिस्सा लेने का निर्देश दिया। अदालत इस मामले में अब 12 सितंबर को सुनवाई करेगी।

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