Home » दिल्ली » हंगामें के साथ शुरू हुआ दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र

हंगामें के साथ शुरू हुआ दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:6 Aug 2018 6:29 PM GMT

हंगामें के साथ शुरू हुआ दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र

Share Post

कृष्ण देव पाठक

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से हंगामे के साथ शुरू हुआ। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे बंग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मामले पर सदन में नियम-54 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की है। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने प्रस्ताव पर चर्चा को अनुमति नहीं दी। अध्यक्ष ने विपक्ष के हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल के तहत सदस्यों को सवाल उठाने की अनुमति दे दी। इस पर विपक्ष ने हंगामा किया और नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता को अध्यक्ष ने मार्शल के जरिये कार्यवाही से बाहर करवा दिया।

विपक्ष नेता को कार्यवाही से निष्कासित करने के बाद शुरू हुये प्रश्नकाल में सदस्यों ने जनहित से जुड़े तमाम मुद्दों को सदन में उठाया। इन पर संबंधित मंत्रियों की ओर से जवाब भी दिये गये। सत्ता पक्ष के सदस्य जरनैल सिंह ने निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को वर्ष 2017-18 में दिये गये दाखिला संबंधी जानकारी मांगी। उप-मुख्यमंत्री ने बतौर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन को अवगत कराया कि वर्ष 2017-18 में ईडब्लूएस/सामान्य कैटैगरी के तहत 25178 छात्रों को दाखिला दिया गया। 435 ईडब्लूएस/सामान्य कैटैगरी के लंबित मामलों में से 339 छात्रों को वर्ष 2018-19 में सीटें आवंटित की गई। बाकी बचे 96 में से 69 छात्रों को उम्र कक्षा नर्सरी/केजी/प्रथम के लिये अधिक पाई गई। 26 छात्रों ने जिन स्कूलों का चयन किया था उनमें संबंधित कक्षा में रिक्त सीटें नहीं पाईं गईं और एक छात्र सीडब्लूएसएन कैटैगरी का पाया गया।

सिसोदिया ने बताया कि वर्ष 2017-18 की लंबित सीटों को सत्र 2018-19 की सीटों में जोड़ दिया गया है। इसके तहत केजी कक्षा में नर्सरी कक्षा की 810, प्रथम कक्षा में केजी कक्षा की 1145 और प्रथम कक्षा में प्रथम कक्षा की ही 3835 सीटों को जोड़ा गया है। सदस्य के एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2011-12 में वर्दी व किताबों के लिये जो राशि 1190 रुपये दी जाती थी, वह अब तीन सालों में बढ़कर 2242 रुपये प्रति छात्र प्राईमरी कक्षा के लिये और 2225 रुपये प्रति छात्र माध्यमिक कक्षा के लिये दी जा रही है। शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि जिन स्कूलों की आवंटित सीटों पर ईडब्लूएस कैटैगरी के तहत छात्रों को दाखिला नहीं देने की शिकायतें मिली हैं, उन सीटों को वर्ष 2018-19 में जोड़ दिया गया है।

सत्ता पक्ष के सदस्य अनिल कुमार बाजपेयी ने निजी बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस के कॉल सेंटरों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े किये। उर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सदस्यों के प्रश्नों का जवाब देते हुये बताया कि कॉल सेंटर चौबीस घंटे सातों दिन काम कर रहे हैं। इन पर 200 कर्मियों का स्टॉफ काम कर रहा है। इसके अलावा बिजली उपभोक्ताओं की समस्याओं को लेकर अलग से शिकायत केंद्र भी खोले हुये हैं। बीएसईएस के अधीनस्थ क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये 128 शिकायत केंद्रों की व्यवस्था है। कमांडो सुरेन्द्र सिंह, प्रवीण कुमार ने बिजली समस्या से जुड़े मामलों को सदन में उठाया।

उर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने सदन को अवगत कराया कि बिजली की अघोषित कटौती पर बिजली कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को घंटे के हिसाब से जुर्माना राशि देने संबंधी फैसला अभी विचाराधीन है। संभवतःइस माह तक इसको लागू कर दिया जाएगा। उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी का ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिये उपभोक्ताओं के आधार नंबर और नवीनतम मोबाइल नं. को बिजली बिलों के साथ जोड़ा जाएगा। इससे मूल उपभोक्ताओं का पता चल सकेगा और कई कनेक्शन पर पंजीकृत एक मोबाइल नंबर का भी पता लग सकेगा। डिस्कॉम को इस दिशा में निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अगले दो तीन माह में यह प्रािढया भी शुरू हो जाएगी। प्रश्नकाल के दौरान हाईटेंशन वायर के गुजरने का मामला भी जोर शोर से उठाया गया। सत्ता पक्ष के सदस्य देवेन्द्र सहरावत की ओर से इस संबंध में प्रश्नकाल में प्रश्न भी लगाया गया था। इस मामले में दूसरे सदस्यों ने जरनैल सिंह, पंकज पुष्कर, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता आदि ने भी बिजली से संबंधित मामले उठाये। उर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने आश्वस्त किया कि निजी कालोनियों/घरों और फार्म हाउसों के पास या उपर से गुजरने वाली हाईटेंशन वायरों की शिफ्टिंग का काम सरकार नहीं करेगी। अनधिकृत कालोनियों व नियमित कालोनियों में इस तरह की समस्या को दूर करने का काम एक योजना के तहत पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर एक अनुमान के मुताबिक पूरी दिल्ली की हाईटेंशन वायर को शिफ्ट करने का काम किया जाता है तो इसके लिये अनुमानित लागत लगभग 10000 करोड़ आंकी गई है।

ग्रामीण इलाकों का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधियों की ओर से किसानों के बिजली के बिलों का मुद्दा भी सदन में जोरशोर से उठाया गया। गुलाब सिंह, सुखबीर दलाल, मंत्री कैलाश गहलौत समेत अन्य कई सदस्यों ने किसानों की बिजली समस्या को प्रमुखता से उठाया और हरियाणा की तरह ही किसानों को प्रति माह 300 से 400 रुपये का फिक्स बिल प्रणाली लागू करने की मांग भी की। उर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने इस मामले पर सदन को अवगत कराया कि सरकार ने किसानों की सालाना आय 1.30 लाख रुपये करने की योजना लागू की है। इसके तहत किसान अपने खेतों में सरकारी खर्च से सोलर पावर प्लांट लगवा सकते हैं जिससे किसानों का आय में सालाना चार गुना बढ़ोत्तरी हो सकेगी। मंत्री जैन ने सदस्यों की भावनाओं का ध्यान रखते हुये यह भी कहा कि किसानों के बिजली के बिलों की राशि को फिक्स करने को लेकर जल्द एक बैठक कर चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद इस पर कोई सकारात्मक फैसला लिया जा सकेगा।

सदन में दिल्ली राज्य मानवाधिकार आयोग के गठन में लेटलतीफी का मामला भी उठा। सोमनाथ भारती के प्रश्न के जवाब में कानून मंत्री कैलाश गहलौत ने जवाब दिया। इस पर विस्तार से मंत्री सत्येन्द्र जैन ने जानकारी दी कि 2014 से आयोग गठित करने के संबंध में फाइल उप-राज्यपाल के समक्ष विचाराधीन है। इस पर जल्द ही कोई कार्यवाही होने की उम्मीद है। सत्ता पक्ष के सुरेन्द्र सिंह ने हरियाणवी भाषा की अकादमी स्थापित करने की मांग की। कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली सरकार विभिन्न भारतीय भाषाओं की अकादमियों की स्थापना कर रही है। इस संबंध में प्रस्ताव जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिये लाया जाएगा। भाजपा सदस्य जगदीश प्रधान ने दिल्ली सरकार के स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को सिंगापुर में ट्रेनिंग पर भेजे जाने की जानकारी मांगी। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि वर्ष 2018-19 में 300 अध्यापक विकास समन्वयक तथा 100 मैंटर शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिये राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान, सिंगापुर भेजा जाना प्रस्तावित है। इस प्रशिक्षण पर लगभग 5.5 करोड़ की राशि खर्च होना प्रस्तावित है।

सदस्यों ने प्रश्नकाल के बाद नियम-280 के तहत अपने क्षेत्रों से जुड़े ही मुद्दों को भी सदन में उठाया। नियम-280 के तहत सत्ता पक्ष के पंकज पुष्कर, शिवचरण गोयल, गुलाब सिंह, सुखबीर दलाल, भाजपा के ओम प्रकाश शर्मा, महेन्द्र गोयल, बंदना कुमारी, भावना गौड़, अजय दत्त, सौरभ भारद्वाज इत्यादि ने अलग-अलग मामले उठाये। शिवचरण गोयल ने सरकारी अस्पतालों व मॉलों में पार्किंग शुल्क की गैर कानूनी तरीके से वसूली पर प्रश्न खड़ा किया। गुलाब सिंह ने द्वारका, नजफगढ़, ब्रिजवासन और कई अन्य विधानसभाओं के छात्रों के लिये कॉलेज की व्यवस्था नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि घुम्मनहेडा में ग्राम सभा की साढ़े 16 एकड़ भूमि का चयन किया जा चुका है, लेकिन इसका निरीक्षण आज तक उच्च शिक्षा विभाग की ओर से नहीं किया जा सका है। सुखबीर दलाल ने बोगस राशन कार्ड का मामला उठाया। भाजपा के ओम प्रकाश शर्मा ने विश्वास नगर विधानसभा में पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने का मामला उठाया। वहीं पीने के पानी के साथ सीवर का पानी मिलकर सप्लाई होने का मामला भी उठाया। इस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों की बीच में टोका टाकी के चलते हंगामा हो गया और सदन की कार्यवाही को 35 से 40 मिनट के लिये स्थगित भी करना पड़ा। पुनः कार्यवाही शुरू होने पर सत्ता पक्ष के सदस्य संजीव झा ने भाजपा विधायक ओपी शर्मा के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों की सहमति होने पर मामले को अध्यक्ष ने विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। पुनः कार्यवाही चलने पर बंदना कुमारी ने क्षेत्र में दिल्ली नगर निगम की ओर से किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता जांच को कमेटी गठित कराने की मांग की। भावना गौड ने पालम फ्लाईओवर को जल्द से जल्द चौड़ा कराने की मांग की जिससे कई विधानसभा के लोगों को जाम से निजात मिल सकेगी। अजय दत्त ने भी दिल्ली नगर निगम के कार्योँ पर सवाल उठाया। संजीव झा ने बुराड़ी विधानसभा के एमसीडी फ्लैट्स को खाली करने और डोमोलिश करने के आर्डर मिलने पर भी कड़ी आपत्ति जताई।

इसके बाद सदन में राखी बिडला व शिवचरण गोयल की ओर से गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों और संकल्पों संबंधी समिति का चौधा प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। परिवहन मंत्री कैलाश गहलौत ने प्रदूषण जांच केंद्रों से संबंधित व स्पीड गवर्नर के संबंध में अलग-अलग प्रतिवेदन सदन पटल पर पेश किये। इसके बाद सदन में नौकरशाही द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के प्रमुख कार्यालयों को कथित रूप से बाधित करने तथा धीमा करने के प्रयास के संबंध में नियम-55 के तहत अल्पकालिक चर्चा भी की गई। चर्चा की शुरूआत सौरभ भारद्वाज ने की जिसमें मंत्री सत्येन्द्र जैन, कैलाश गहलौत, गोपाल राय, इमरान हुसैन के अलावा शिव चरण गोयल, आदर्श शास्त्राr और अन्य सदस्यों ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। चर्चा में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अपना वक्तव्य दिया। सदन में सौरभ भारद्वाज की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की कमियों को पूरा करने के लिये अलग से लोक सेवा आयोग के गठन संबंधी संकल्प प्रस्ताव भी पेश किया। इस पर सदन ने सहमति जताई। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की ओर से सदन की कार्यवाही का कल मंगलवार तक अपराह्न दो बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया।

Share it
Top