साल 2019 में बनेगी दलितों, कमजोर वर्गों का कल्याण करने वाली सरकार : राहुल
वीर अर्जुन संवाददाता
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दलित विरोधी मानसिकता का व्यक्ति होने का आरोप लगाया और इस बात पर जोर दिया कि 2019 में भाजपा की हार के बाद कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए सरकार बनेगी।
राहुल ने एससी-एसटी (उत्पीड़न रोकथाम) कानून 1989 को कथित तौर पर कमजोर किए जाने के खिलाफ दलित संग"नों की ओर से आयोजित प्रदर्शन में प्रधानमंत्री मोदी पर जोरदार हमला बोलते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में दलितों को खुलेआम पीटा जा रहा है और दबाया जा रहा है। यहां जंतर-मंतर पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में राहुल ने कहा, हर चीज मंशा से शुरू होती है। यदि उनके (मोदी के) दिल में दलितों के लिए जगह होती तो नीतियां अलग तरीके से बनाई जातीं। गुजरात में उन्होंने अपने भाषणों की एक किताब निकाली जिसमें उन्होंने लिखा कि दलितों को सफाई का काम करने से आध्यात्मिक सुख मिलता है। यह पंक्तियां उनकी सोच और विचारधारा को दर्शाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नहीं चाहते कि शिक्षा और इस देश की प्रगति में दलितों को हिस्सा मिले।
प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल ने कहा, उनकी सोच दलित विरोधी है। सारे दलित और कमजोर वर्गों के लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री के दिलोदिमाग में दलितों के लिए कोई जगह नहीं है और वे दलितों को दबाना चाहते हैं। इसलिए हम उनके खिलाफ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि 2019 में भाजपा हारेगी और दलितों, कमजोर वर्गों, आदिवासियों तथा किसानों की सरकार बनेगी। राहुल ने कहा कि एससी-एसटी (उत्पीड़न रोकथाम) कानून 1989 कांग्रेस की सरकार ने बनाया था और उनकी पार्टी लोगों के साथ मिलकर इसे बचाएगी। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हुए न्यायमूर्ति ए. के. गोयल को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का प्रमुख नियुक्त किए जाने का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, भारत को दलित उत्पीड़न निरोधक कानून कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिया था, इस पर हमला किया गया और जिस न्यायाधीश ने इस पर फैसला दिया, उसे मोदी सरकार ने तरक्की दी, इनाम दिया। उन्होंने कहा, जहां कहीं भी भाजपा की सरकारें हैं, उन राज्यों में दलितों को खुलेआम पीटा और दबाया जा रहा है। हम ऐसा भारत नहीं चाहते। हम ऐसा भारत चाहते हैं जिसमें हर किसी के लिए जगह हो...चाहे वह दलित हो, गरीब हो, आदिवासी हो या फिर अल्पसंख्यक हो। हर किसी की प्रगति होनी चाहिए। हम ऐसे भारत के लिए लड़ाई लड़ेंगे। पांव पीछे खींचने से इनकार की बात कहते हुए राहुल ने 17 जनवरी 2016 को हैदराबाद यूनिवर्सिटी परिसर में खुदकुशी करने वाले पीएचडी शोधार्थी रोहित वेमुला के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी दलित प्रगति करना चाहता है तो उन्हें दबाया-कुचला जाता है। उच्चतम न्यायालय के 20 मार्च के आदेश के खिलाफ कई दलित संग"नों ने प्रदर्शन किए हैं। उनका कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी पर कई तरह के सुरक्षोपाय करके दलित उत्पीड़न निरोधक कानून को कमजोर किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश को पलटने के लिए बीते सोमवार को लोकसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया गया। कुछ दलित संग"न अब भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि इस कानून को संविधान की नौवीं सूची में डालकर इसे और ज्यादा संरक्षित किया जाए। वे अप्रैल में भारत बंद के बाद आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए गए नेताओं की रिहाई एवं दलितों के खिलाफ उत्पीड़न में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं।