आप के एक खेमे की आंखों की किरकिरी शुरू से बने थे कपिल मिश्रा
कृष्ण देव पाठक
नई दिल्ली। दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार से बर्खास्त किए गए जल मंत्री कपिल मिश्रा काफी लंबे समय से `टीम केजरीवाल' की आंखों की किरकिरी बने हुए थे जिस समय उन्हें `मंत्री' बनाया गया था उस समय भी वह खेमा इसके पक्ष में नहीं था लेकिन सरकार से उस समय निकाले गए मंत्री तोमर के विकल्प के रूप में श्री मिश्रा एक ईमानदार व युवा चेहरा थे जिससे आम जनता में सकारात्मक संदेश देने के लिए वह सबसे उपयुक्त थे इसलिए उनके नाम पर ही मोहर लगाई थी। मंत्री बनने के बाद श्री मिश्रा ने जिस ढंग से अपने विभाग को संभाला था उसके बाद वह लगातार सुर्खियों में छाये रहे।
कपिल मिश्रा ने जिस समय जल बोर्ड के कार्यभार संभाला था उस समय वहां सिर्फ विवाद ही विवाद थे लेकिन उन्होंने वहां जिस ढंग से काम किया खुद सरकार ने बजट सत्र ही नहीं इसके बाहर भी उनको `ए' ग्रेड दिया था। जिसमें कहा गया था कि जो जल बोर्ड घाटे में चल रहा था वह एक सौ अठहत्तर करोड़ रुपए लाभ में पहुंच गया और इसकी जमकर प्रचारित भी किया था। इससे इस बात को बल मिला था कि जब टीम काम करती है तो नाम कप्तान का ही होता है।
श्री मिश्रा जल बोर्ड में उपाध्यक्ष के बाद मंत्री बनने के बाद भी लगातार मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों को लेकर पीछे पड़े हुए थे और उसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से लेकर हर स्तर पर लगे हुए थे इस मामले में कई बार यह भी