किराया कानून के विरोध में दुकानदारों ने निकाली आक्रोश रैली
नई दिल्ली। किराया कानून की आड़ में कथित तौैर से पगड़ी दुकानदारों के साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ शुक्रवार को चांदनी चौक जिला व्यापार संघ के बैनर तले आक्रोश रैली निकाली गई। इसमें काफी संख्या में दुकानदारों एवं उनपर आश्रित कामगरों ने हिस्सा लिया और किराया कानून के खिलाफ विरोध जताया। इस दौरान हौज काजी चौक पर किए गए प्रदर्शन में विरोधस्वरूप किराया कानून की शव यात्रा भी निकाली गई। दुकानदारों का कहना है कि केंद्र सरकार ने नेशनल हाउसिंग पॉलिसी के तहत मॉडल टेनेंसी एक्ट 2015 पर मुहर लगा दी है, जिसके प्रावधान पगड़ी कारोबारियों के लिए संकट पैदा करने वाले हैं। इसके प्रावधानों के तहत दिल्ली की करीब पांच लाख दुकानें खाली कराई जाएंगी। इससे न सिर्फ लोगों द्वारा वर्षो से कड़ी मेहनत के बाद जमाया गया कारोबार समाप्त हो जाएगा बल्कि करीब 40 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे। पगड़ी दुकानदारों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे राजेश ठकुराल ने कहा कि दुकानदार अपनी दुकानों की पूरी कीमत दे चुके हैं। फिर भी पुराने कानून के मुताबिक इनको किरायेदार ही समझा जाता है जबिक ये असली मालिक हैं। इतना ही नहीं नए किराया कानून के तहत इनके रोजगार पर संकट आ गया है। झूठे केस बना कर दुकानें खाली कराई जा रही हैं और दुकानदारों को अपनी दलील रखने का उचित समय भी नहीं मिल रहा है। पगड़ी प्रथा आजादी से पहले की है, जिससे पुरानी दिल्ली के काफी कारोबारी जुड़े हुए हैं। आज जब उनका कारोबार जम चुका है और उनके साथ सैंकड़ों घर और चल रहे हैं तो उनसे दुकाने खाली करने के लिए कहा जा रहा है। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल दुकानदारों ने मांग की दिल्ली में भी गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की तरह एक संतुलित कानून लाया जाए, जिससे न तो पगड़ी दुकानदारों का नुकसान हो और न ही प्रॉपर्टी मालिकों का।