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आप के अंदर जारी है शीत युद्ध, विश्वास पड़े अलग-थलग

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:20 Jun 2017 7:03 PM GMT

आप के अंदर जारी है शीत युद्ध, विश्वास पड़े अलग-थलग

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के भीतर बीते कुछ समय से जारी शीत युद्ध बड़ा रूप लेता जा रहा है। अमानतुल्ला खान, दिलीप पांडेय और दीपक बाजपेयी के सीधे हमलों के बीच सोशल मीडिया पर कुमार विश्वास को बड़े नेताओं का साथ न मिलने की वजह से पार्टी के अंदरूनी विवाद को सतह पर ला दिया है। पार्टी नेताओं की व्यक्तिगत बयानबाजी के बाद अब कुमार विश्वास को कार्यकर्ताओं की ओर से तीखे हमले भी झेलने पड़ रहे हैं।

पॉलिटिकल अफेयर कमिटी की विवादित बै"क में राजस्थान के फ्रभारी बनाए जाने के बाद से ही कुमार विश्वास और केजरीवाल कैम्प के बीच तालमेल की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है। ऐसे में सवाल उ"ता है क्या कुमार विश्वास राजस्थान के चुनावी मैदान में अकेले युद्ध लड़ रहे हैं? हाल ही में राजस्थान फ्रभारियों के साथ पार्टी दफ्तर में हुई बै"क खत्म होने के बाद कुमार विश्वास उसी दफ्तर में मौजूद पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात किए बिना ही लौट गए, और पार्टी के नेताओं ने भी उनसे मिलना उचित नहीं समझा।

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में विवादों की ताली दोनों हाथों से बज रही है। कुमार विश्वास के कई बयान हैं पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पसंद नही आ रहे हैं। इधर हाल ही में कुमार विश्वास ने पर्यवेक्षकों की बै"क में कहा था कि कार्यकर्ताओं को श्बेक टू बेसिकश् पर लौटना होगा। अपने ऊपर हो रहे तीखे हमलों पर जवाब देते हुए विश्वास ने यह भी कहा कि उन्हें अंदर और बाहर दोनों ओर से हो रही साजिशों के खिलाफ लड़ना है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी कोई अच्छा यज्ञ होता है तो खर, दूषण और तड़का जरूर आते हैं। पिछली बार मिली हीर से पार्टी के तमाम कार्यकर्ता वाकिफ हैं। वे 5 लोगों की राजमहलीय, बंगले वाली राजनीति और षड्यंत्र के लिए नही बनें हैं। वे खुद को रामलीला और जंतर मंतर में बना हुआ बताते हैं।

विवाद यहीं थमता नहीं दिख रहा क्योंकि ट्विटर पर श्आप राजस्थानश् नाम का एक अकाउंट चुनाव तैयारियों से जुड़ी पोस्ट शेयर कर रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि सामान्य कार्यकर्ताओं के ट्वीट को शेयर करने वाली श्आपश् की सोशल मीडिया फौज कुमार विश्वास के कैंपेन को आगे नहीं बढ़ा रही है। कुमार विश्वास की टीम ने ट्विटर पर श्बेक टू बेसिकश् अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक कुमार विश्वास को छोड़कर किसी बड़े नेता ने इसे री-ट्वीट या शेयर नहीं किया है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अकाउंट पर भी कुमार की गतिविधियां नहीं दिख रही हैं। जबकि इसी अकाउंट पर पंजाब चुनाव से संबंधित काफी सूचनाएं और कार्यक्रम शेयर होते थे।

पार्टी नेता दिलीप पांडेय और कोषाध्यक्ष दीपक बाजपेयी के बाद सोमवार को यूथ विंग की राष्ट्रीय फ्रभारी वंदना सिंह ने भी कुमार विश्वास को धोखेबाज कहा। वंदना ने ट्वीटर पर लिखा कि सुबह अखबार पढ़ो तो एक आदरणीय बड़े भाई रोज पार्टी को बचाने के नाम पर पार्टी को ही गालियां देते हैं। खुद के और पार्टी के साथ धोखा बंद करो। भैया डॉ. कुमार विश्वास आप इंटरव्यू और बयानबाजी में पार्टी से सवाल पूछते हो। तो क्या मेरे जैसे वॉलिंटियर आपसे ट्विटर पर भी नहीं पूछ सकते? जब आपने लड़ना तय ही कर लिया है तो सामने से लड़िए। आप जवाब दें। आपकी सोशल मीडिया आर्मी तो एकदम मोदी जी की सोशल मीडिया आर्मी की भाषा बोलती है।

जाहिर तौर पर सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहने वाले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता दो गुटों में बंटे दिखाई पड़ रहे हैं। अरिवंद केजरीवाल और कुमार विश्वास के समर्थक सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ तीखी टिप्पणियां कर रहे हैं।

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