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नेतृत्व को जिम्मेदारी निभाते हुए कठोर फैसले लेने चाहिए : किरण बेदी

👤 manish kumar | Updated on:7 Nov 2019 5:53 AM GMT

नेतृत्व को जिम्मेदारी निभाते हुए कठोर फैसले लेने चाहिए : किरण बेदी

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नई दिल्ली तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई भिड़ंत तथा साकेत कोर्ट में पुलिस पर हुए हमले के बाद मुख्यालय पर जवानों द्वारा किए गए प्रदर्शन को लेकर पुडुचेरी की उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी ने कहा है कि नेतृत्व एक चरित्र है जो कठोर निर्णय लेता है। इस समय निर्णय लेना चाहिए। निर्णय लेने से यह कठिन समय चला जाएगा। इस तरह से किरण बेदी ने इशारों-इशारों में कमिश्नर अमूल्य पटनायक को नसीहत दे दी। उन्होंने कहा कि इससे स्मृतियों में कठिन कानून रहेंगे।

इससे पहले किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस का समर्थन करते हुए कहा कि पुलिस को अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहना चाहिए, नतीजा चाहे जो भी हो। किरण बेदी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों के पास जीवन और संपत्ति की रक्षा करने और कानून व कानून के निर्देशों के सम्मान को लागू करने की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्हें करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। पुलिस के पुरुष और महिलाएं अपना कर्तव्य निष्पक्षता से, दृढ़ता से, निडरता और जिम्मेदारी से निभाते हैं, तो उन्हें अपने वरिष्ठों द्वारा संरक्षित करने की आवश्यकता भी होती है क्योंकि जब वे असफल होते हैं तो उपेक्षा व कायरता के शिकार भी होते हैं। इसलिए यह विभाग का कर्तव्य है कि वह अपने कामों को जोरदार तरीके से अंजाम दे और भी घटनाएं हों, उसकी गहनता से जांच करें। यहीं नेतृत्व की भूमिका होती है। यह सुनिश्चित करना नेतृत्व का कर्तव्य है कि कोई भी व्यक्ति अपनी ड्यूटी करने से पहले से अपमानित न हो। कभी भी पुलिसकर्मी वर्दी में दीवार पर न चढ़ाएं और उन्हें अपनी सेवा और अपने वरिष्ठों पर विश्वास न खोने दें।

बेदी ने कहा कि यदि हम इस ज़िम्मेदारी को कमजोर करते हैं तो हमारे मातहत लंबे समय तक पीड़ित होंगे। इसलिए अपने जवानों की सर्वांगीण सुरक्षा के लिए एक निर्णायक शक्ति की आवश्यकता है। संकट आएंगे और जाएंगे लेकिन इससे निपटने के लिए नेतृत्व को अपनी पूरी क्षमता के साथ कर्तव्य का निर्वाह करना होगा। गलत होने पर कठोर निर्णय लेना होगा तो अपमानित होने से बचाना भी होगा। नहीं तो उन्हें और उनके परिवारों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचती है। इसलिए पुलिस नेतृत्व को इसके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है क्योंकि ऐसे क्षण पुलिस के नेतृत्व के लिए निर्णायक होते हैं। इस घटना से सभी को सबक लेना चाहिए।

दरअसल पुलिस मुख्यालय पर मंगलवार को जवानों द्वारा किए गए धरना-प्रदर्शन के दौरान 'वी वांट जस्टिस' और 'हमारा सीपी कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो' के नारे लगाए जा रहे थे। इतना ही नहीं कमिश्नर सहित तमाम आला अधिकारियों के बार-बार समझाने के बाद भी वे मान नहीं रहे थे। एक दिन पहले अपने सहयोगियों की पिटाई किए जाने और उन पर ही कार्रवाई किए जाने को लेकर नाराज थे। इस कारण वे अपना गुस्सा निकालने के लिए मुख्यालय पर हजारों की तादात में एकत्र होकर प्रदर्शन किया था। मुख्यालय के बाहर जमा हुए पुलिसकर्मियों ने पूरी तरह सड़क जाम कर दिया था और व्यस्त चौराहे पर आवागमन रुक गया था। हिस

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