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बिहार में 3 चरणों में होगा मतदान, 10 नवम्बर को आएंगे नतीजे

👤 Veer Arjun | Updated on:25 Sep 2020 9:10 AM GMT

बिहार में 3 चरणों में होगा मतदान, 10 नवम्बर को आएंगे नतीजे

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नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनावों से जुड़े मतदान कार्यक्रम की घोषणा कर दी। बिहार में तीन चरणों में मतदान होगा और 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि बिहार में तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 16 जिलों की 71 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए 31 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए गये हैं। दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए 42 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। 10 जिलों में दो चरण में मतदान होगा।

उन्होंने बताया कि बिहार में 29 नवम्बर को बिहार विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। विधानसभा की कुल 243 सीटे हैं, जिनमें से 38 अनुसूचित जाति और 2 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इस बार वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर सभी विधानसभा सीटों पर एक घंटे ज्यादा सुबह 7 बजे से 6 बजे शाम तक मतदान होगा।

पहले चरण की अधिसूचना 1 अक्टूबर को जारी होगी। नामांकन 8 अक्टूबर कर सकते हैं, 9 अक्टूबर को जांच होगी। 12 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं। मतदान 28 अक्टूबर को होगा। दूसरे चरण की अधिसूचना 9 अक्टूबर को जारी होगी। नामांकन 16 अक्टूबर तक कर सकते हैं। नामांकन की 17 अक्टूबर को जांच होगी। 19 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं। मतदान 3 नवम्बर को होगा। तीसरे चरण की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी। नामांकन 20 अक्टूबर कर सकते हैं। नामांकन की जांच 21 अक्टूबर को होगी। 23 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं। मतदान 7 नवम्बर को होगा। सभी सीटों के लिए 10 नवम्बर को नतीजे आएंगे।

बिहार चुनावों के साथ ही देश में कई राज्यों की विधानसभा और लोकसभा की कुछ सीटों के लिए उप चुनाव भी होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि वर्तमान में बिहार में 7.29 करोड़ मतदाता हैं। इनके मतदान के लिए 1.89 ईवीएम मशीनें, 1.42 सेंटर्ल यूनिट और 1.73 लाख वीवीपैड मशीने तैनात की गई हैं।

चुनाव उम्मीदवारों को आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में तीन चरणों में देगी होगी जानकारी

चुनाव आयोग ने मतदाताओं को उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि से अवगत कराने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसका उम्मीदवारों और उन्हें टिकट देने वाली पार्टियों को पालन करना होगा। अब निर्विरोध जीतने वाले उम्मीदवारों को भी अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि बतानी होगी। हर उम्मीदवार और उनको टिकट देने वाली पार्टियों को नाम वापसी प्रक्रिया के चार दिन के भीतर, पांच से आठ दिन के बीच और नौंवे दिन के बाद आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी देनी होगी। यह उनके लिए भी अनिवार्य होगा, जिन्हें निर्विरोध चुना जा चुका है।

कोरोना के चलते इस बार मतदान होगा अलग

उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कालखंड में मतदान को लेकर चुनाव आयोग पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। बिहार चुनावों के लिए आयोग ने 60 लाख हैंड सेनेटाइजर, 46 लाख मास्क, 6 लाख पीपीई कीट, 6.7 लाख फेस शिल्ड और 23 लाख हाथों के दस्तानों का प्रबंध किया गया है।

चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार तय संख्या में ही नामांकन के दौरान उम्मीदवार के साथ व्यक्ति और गाड़ियां रहेंगी। चुनाव आयोग ने नामांकन और शपथ पत्र दाखिल करने के लिए वैकल्पिक तौर पर ऑनलाइन सुविधा प्रदान की है। यह पहली बार होगा जब उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से जुड़ी हुई जमानत राशि ऑनलाइन जमा कराने की सुविधा दी जा रही है। चुनाव आयोग के अनुसार अब केवल पांच व्यक्ति ही एक बार में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार कर सकते हैं। सार्वजनिक सभा और रोड शो के दौरान गृह मंत्रालय और राज्य की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इस बार फेस मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर, दस्ताने, फेस शिल्ड, और पीपीई किट का इस्तेमाल करते हुए सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा।

चुनाव के दौरान हर मतदाता को वोटर रजिस्टर में हस्ताक्षर करने और ईवीएम पर अपना मत दर्ज कराने के लिए दस्ताने दिए जाएंगे। राज्य जिला स्तर पर चुनाव अधिकारी स्थानीय परिस्थिति को देखते हुए चुनाव योजना, जिसमें दिशा-निर्देश भी शामिल हैं, अलग से तैयार करेंगे। यह योजना कोविड-19 से जुड़े नोडल अधिकारी से विमर्श के बाद तैयार की जाएगी। चुनाव आयोग ने ये दिशा-निर्देश राजनीतिक दलों और विभिन्न राज्यों में स्थित चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद तैयार किए हैं।

इसके अलावा एक मतदान केंद्र के अंदर मतदाताओं की अधिकतम सीमा 1,500 के बजाय 1,000 तक सीमित कर दी गई है। प्रत्येक मतदान केंद्र के प्रवेश बिंदु पर थर्मल स्कैनर भी लगाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी कोविड -19 के लक्षण वाले को प्रवेश करने की अनुमति न मिले। इस उद्देश्य के लिए या तो पोलिंग बूथ स्टाफ या पैरामेडिक्स या आशा कार्यकर्ता लगाए जाएंगे। मतदान से एक दिन पहले प्रत्येक बूथ अनिवार्य रूप से सेनेटाइज किया जाएगा।

मतदाताओं को लाइन से बचाने के लिए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर टोकन वितरण के लिए एक हेल्पडेस्क स्थापित की जाएगी। शारीरिक दूरी को प्रदर्शित करने के लिए मार्करों का उपयोग भी किया जाएगा। सभी मतदाताओं को चहेरे पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा और केवल पहचान के समय चेहरे से थोड़े समय के लिए मास्क उतरवाया जाएगा। मतदान केन्द्र पर फेस मास्क रखें जाएंगे ताकि मास्क पहनकर नहीं आने पर उन्हें उपलब्ध कराया जा सके।

कोविड -19 से संक्रमित पृथकवास में रह रहे मतदाता व उसके जैसे लक्षण वाले मतदाता को मतदान दिवस के अंतिम घंटे में अपने संबंधित मतदान केंद्रों पर वोट डालने की अनुमति दी जाएगी। वहीं कान्टेन्मेंट जोन में रह रहे मतदाताओं को लेकर चुनाव आयोग आने वाले दिनों में अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगा।

मतदानकर्मियों और मतदान एजेंटों के लिए मतदान केंद्र में बैठने की व्यवस्था के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के अनुसार की जाएगी। किसी पोलिंग एजेंट का निर्धारित सीमा से अधिक तापमान मिलने पर पीठासीन अधिकारी की अनुमति से उनके रिलीवर को उनके स्थान पर ड्यूटी करने की अनुमति दी जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी और रिटर्निंग ऑफिसर को किसी अधिकारी में कोविड -19 के लक्षण दिखाई देने की स्थिति में पर्याप्त संख्या में मतदान व मतगणना स्टाफ रखने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रत्येक मतदान अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों को एक किट प्रदान किया जाएगा, जिसमें फेस मास्क, सैनिटाइजर, फेस शील्ड और दस्ताने होंगे। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जहां भी आवश्यक हो, मतदान अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों को पीपीई किट उपलब्ध कराया जाएगा।

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