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आईएसआई का नया हथियार-महिलाएं हनी ट्रैप

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:3 Oct 2018 7:20 PM GMT
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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी कुख्यात आईएसआई भारत में कितनी सकिय है इसका एक उदाहरण हाल ही में उत्तर पदेश की राजधानी लखनऊ में सामने आया है। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे बीएसएफ के जवान अच्युतानंद मिश्र को नोएडा से गिरफ्तार किया है। एटीएस के निरीक्षक जीएस पांडेय ने विशेष सीजीएम की अदालत को बताया कि 24 अगस्त को एटीएस के दरोगा शैलेंद्र गिरी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि चंडीगढ़ स्थित सैन्य खुफिया एजेंसी को सूचना मिली है कि आईएसआई के एजेंट भारत की संपभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के लिए फेसबुक पर काजोल शर्मा नाम की एक फर्जी आईडी बनाकर अर्द्धसैनिक बलों और सेना के अफसरों को हनी ट्रैप में फंसाकर सूचनाएं हासिल कर रहा है। जनवरी 2016 में हनी ट्रैप का शिकार हुए बीएसएफ जवान वाट्सअप के जरिए भी आईएसआई की एक महिला एजेंट के संपर्प में था। वह दिल्ली के आरके पुरम स्थित बीएसएफ के कंपोजिट अस्पताल में तैनात था। एटीएस ने आरोपित अच्युतानंद को लखनऊ कोर्ट में पेश किया और उसे पांच दिनों की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि मिलिट्री इंटेलिजेंस की चंडीगढ़ इकाई ने आईएसआई द्वारा महिलाओं के नाम पर फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर सेना व सशस्त्र बलों के जवानों को अपने जाल में फंसाकर इनपुट शेयर किया था। ऐसी कई भारतीय फेसबुक आईडी चिन्हित की गईं, जो अलग-अलग नाम से बनाई गई पाकिस्तानी फेसबुक आईडी के लगातार संपर्प में थे। छानबीन से बीएसएफ का यह जवान अच्युतानंद पकड़ में आ गया। अच्युतानंद की आईएसआई की फर्जी आईडी पर की गई चैटिंग पर कई आपत्तिजनक बातें सामने आईं। अच्युतानंद के मोबाइल फोन से भी कई अहम बातें सामने आई। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की महिला एजेंटों का जाल लगातार बढ़ता जा रहा है। उनके खास निशाने पर सैन्य कर्मी व अर्द्धसैनिक बलों के जवान हैं। साइबर हनी ट्रैप के जरिए अपने कदम बढ़ा रही आईएसआई ने कई महिलाओं की भर्ती सिर्प उनके जाल में फंसाने वालों से विडियो कालिंग कर मीठी-मीठी बातें करने के लिए ही की है। अच्युतानंद मिश्र फेसबुक के जरिए आईएसआई के चंगुल में फंसने के बाद जासूसी के दलदल में फंसता चला गया। वह फेसबुक के जरिए जिस आईएसआई एजेंट के झांसे में आया था, उसने खुद को डिफेंस रिपोर्टर होने का दावा किया था। यह फेसबुक आईडी सोनू कौर के नाम से बनाई गई थी। अच्युतानंद से फेसबुक के जरिए जुड़ने के बाद महिला एजेंट ने पाकिस्तानी नबंर पर एक्टिवेट वाट्सअप के जरिए संपर्प बढ़ाया। पाकिस्तानी नंबर देखने के बाद भी अच्युतानंद ने अपने कदम नहीं रोके, बल्कि अपने फोन नंबर में वह नंबर पाकिस्तानी दोस्त के नाम से सेव कर लिया। आईएसआई द्वारा अब महिलाओं के जरिए हमारे जवानों को नई साजिश से सावधान होना पड़ेगा। इस बार पकड़ा गया अच्युतानंद अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं बहुसंख्यकों में भी गद्दारों की कमी नहीं।

-अनिल नरेन्द्र

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