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बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रहीं

👤 Veer Arjun Desk | Updated on:18 Sep 2018 7:20 PM GMT
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देश में जिस रफ्तार से बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं वह हमारे समाज के लिए न केवल शर्म की बात हैं बल्कि एक जबरदस्त चुनौती भी है कि इन्हें कैसे रोका जाए? यह चिन्ता इसलिए भी बढ़ती जा रही है कि हमारी पुलिस की शुरुआती उदासीनता और राजनीतिक संवेदनहीनता में कोई फर्प नहीं पड़ रहा है। आए दिन बलात्कार की घटनाओं से दिल बैठ जाता है। हरियाणा के रेवाड़ी में एक मेधावी छात्रा के साथ हुई बलात्कार की घटना स्तब्ध करने वाली है। जिस राज्य में बेटियां खेल की दुनिया में अपना और देश का परचम लगातार लहरा रही हैं, उस राज्य में बेटियों की सुरक्षा का आलम यह है कि कुछ शोहदे बस अड्डे से एक लड़की का अपहरण करते हैं, फिर उसके साथ अमानुष बर्ताव करने के कुछ घंटे बाद उसी बस अड्डे पर उसे छोड़ देते हैं। जिस व्यक्ति के ट्यूबवैल के पास उस वारदात को अंजाम दिया गया, उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। हरियाणा की एसआईटी ने रविवार देर रात वारदात के साजिशकर्ता और मुख्य आरोपी निशु को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में शामिल दो अन्य की अभी भी तलाश जारी है और वह गिरफ्तार नहीं किए जा सके। रेवाड़ी के एसपी राजेश दुग्गल का तबादला कर दिया गया है। मेवात की एसपी नाजनीन भसीन ने बताया कि वो अन्य आरोपी पंकज जैन जो सेना का जवान है और मनीष की तलाश जारी है। इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारियां हुई हैं। एसपी भसीन ने बताया कि निशु ने ही साजिश रची थी। युवती के परिजनों ने मीडिया से अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि इस हादसे से उनको गहरा आघात पहुंचा है। पीड़िता की मां ने इंसाफ की उम्मीद जताते हुए कहा कि ऐसी दरिन्दगी करने वाले आरोपियों को फांसी पर लटका देना चाहिए। उन्होंने प्रशासन द्वारा दी गई आर्थिक मदद लौटाने की भी बात कही। बोलींöपरिवार ने प्रशासन द्वारा शनिवार को दिए दो लाख का चेक लौटाने का फैसला किया है। हमें इस चेक की जरूरत नहीं है। क्या यह कीमत हमारी बेटी की इज्जत के लिए लगाई जा रही है? हमें रुपए-पैसे नहीं, बस इंसाफ चाहिए। हमने कानून के लंबे हाथों के बारे में सुना है, लेकिन पुलिस अब तक क्या कर रही है? आरोपियों को वारदात के इतने दिन बाद तक भी पकड़ा नहीं जा सका है। जिन तीन आरोपियोंöपंकज, मनीष और निशु का नाम एफआईआर में दर्ज है, वह पीड़िता के ही गांव के रहने वाले हैं और उसके परिवार को अच्छी तरह जानते थे। इस बीच अस्पताल में भर्ती पीड़िता की हालत में सुधार आया है। अस्पताल प्रशासन के जारी बुलेटिन में कहा गया है कि पीड़िता ने खाना-पीना शुरू कर दिया है। हालांकि वह सदमे में है जिससे निकलने के लिए समय लगेगा। सख्त सजा का इंतजाम करने के बावजूद बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन उन्हें गंभीरता से लेने की बजाय इन पर सियासत शुरू हो जाती है, नतीजतन मूल समस्या वहीं की वहीं रह जाती है। ऐसे दरिन्दों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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