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चंद्रबाबू ने अनशन कर दिखाई विपक्षी एकजुटता

👤 Veer Arjun Desk 4 | Updated on:15 Feb 2019 7:00 PM GMT
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आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को दिल्ली स्थित आंध्र भवन में एक बार फिर अनशन के जरिये विपक्षी एकता दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि राज्य को विशेष दर्जा न देकर उन्होंने राज्य धर्म का पालन नहीं किया। चंद्रबाबू ने कहा कि हमें वह देने से इंकार किया जा रहा है जो जायज तौर पर हमारा है। बता दें कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर टीडीपी मार्च 2018 में एनडीए सरकार से अलग हो गया था। टीडीपी की मांग है कि केंद्र 2014 में विशेष दर्जे को लेकर किए गए अपने वादे को पूरा करे। आगे नायडू ने केंद्र को चेतावनी दी कि उनके राज्य के लोगों के खिलाफ निजी हमले किए गए तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। अगर कोई हमारे आत्मसम्मान पर हमला करेगा तो इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनकी पार्टी को संसद परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई इसलिए हम यहां आए हैं। अनशन पर नायडू का समर्थन करने पहुंचे विपक्षी नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, नेकां नेता फारुक अब्दुल्ला, राकांपा नेता माजिद मेमन, तृणूल नेता डेरेक ओ. ब्राइन, दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल, सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, द्रमुक की तिरची सिवा शामिल थे। बता दें कि पिछली बार विपक्षी नेताओं ने 19 जनवरी को अपनी एकजुटता दिखाई थी। 22 दलों के नेता सीबीआई के कदम के खिलाफ कोलकाता में सीएम ममता बनर्जी को समर्थन देने पहुंचे थे। नायडू के प्रति समर्थन जताने के लिए आंध्र भवन पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल प्रधानमंत्री को हराएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को अपने वादे पर टिके रहना चाहिए। मैं आंध्र के लोगों के साथ खड़ा हूं। राहुल ने मोदी पर हर जगह झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह आंध्रप्रदेश जाते हैं वहां झूठ बोलते हैं, वह पूर्वोत्तर जाते हैं वहां झूठ बोलते हैं और महाराष्ट्र जाते हैं वहां झूठ बोल आते हैं। अब दो महीने बचे हैं। विपक्षी दल दिखाएंगे कि प्रधानमंत्री की कोई विश्वसनीयता नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को किए गए वादे के अनुसार विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए। सिंह ने कहा कि यदि संसद में मौका मिलता है तो वह आंध्रप्रदेश के लोगों के साथ खड़े होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि नायडू के दिल्ली आकर प्रदर्शन करना संघीय ढांचे के लिए बड़ा सवाल पैदा करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जो वादे करती है उसे कभी पूरा नहीं करती। हम केंद्र की मजबूरी को भी समझ सकते हैं। आंध्र को विशेष दर्जा न देने के पीछे केंद्र की अपनी दिक्कतें हैं। कई राज्य पहले से विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं। मसलन बिहार, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़। हालांकि आंध्र का मामला अलग है। तमाम तकनीकी बातें एक तरफ, लेकिन यह तय है कि नए सिरे से किसी राज्य का गठन आसान नहीं होता। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आरोप लगाया कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जनता का भरोसा तोड़ा है। उनकी छलावे की राजनीति अब समाप्त हो गई है। विशेष दर्जे की मांग को लेकर नायडू का अनशन दरअसल विपक्षी एकजुटता का प्रदर्शन भी करना था, जिसमें वह सफल रहे।

-अनिल नरेन्द्र

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