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कोरोना के मामले अभी और बढ़ेंगे

👤 Veer Arjun | Updated on:20 Sep 2020 4:30 AM GMT

कोरोना के मामले अभी और बढ़ेंगे

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-अनिल नरेन्‍द्र

कोरोना वायरस से हो रहे संव््रामण की रफ्तार ने हमारी सारी उम्मीदें चौपट कर दी हैं। शुरुआती दौर में जो उत्साह पैदा हुआ था कि लॉकडाउन, अनलॉकडाउन व समुचित सावधानियों द्वारा इस पर शीघ्र ही काबू पा लिया जाएगा, वह उत्साह और उम्मीद अब पूरी तरह धराशायी होती दिख रही है। भारत में एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 97,894 नए मामले सामने आने के बाद देश में संव््रामितों की वुल संख्या 52 लाख के पार हो चुकी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार तक 41,12,551 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में कोरोना वायरस से संव््रामित मरीजों की संख्या बढ़कर 52,14,677 हो गईं है जबकि गत 24 घंटे में 1,174 और लोगों की मौत के साथ अब तक इस महामारी में 84,372 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भले ही हम इस बात पर संतोष कर लें कि संव््रामण से मरने वालों की संख्या पर वंट्रोल है फिर भी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि संव््रामण की रफ्तार भारी चिन्ता का विषय है। स्थिति यह है कि अब कस्बाईं और ग्रामीण क्षेत्र भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इन क्षेत्रों की त्रासदी है कि इनके पास नगरों और महानगरों जैसी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं और जो स्वास्थ्य सेवाएं हैं भी तो उन्होंने लगता है कि जैसे कोरोना के आगे हथियार डाल दिए हैं।

यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि सरकारों ने अब अपने हाथ खींच लिए हैं और पूरा देश भगवान भरोसे है। जनता भी सहयोग नहीं कर रही। मास्क पहनना तो दूर रहा, सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो रहा है। आप पूवा दिल्ली व दूरदराज के इलाकों में चले जाएं माव्रेटों में भरे लोग बिना मास्क के घूमते-फिरते नजर आएंगे। बहुत उम्मीद थी कि वैक्सीन जल्द आ जाएगी पर ऐसा लगता है कि यह जल्दी आने वाली नहीं है। अभी तो ट्रायल का सिलसिला चल रहा है। लगता है कि लोगों ने खासकर ग्रामीण और निर्धन तबके ने अस्पताल पहुंचने से बेहतर अब नियति मान ली है कि बच गए तो बच गए, चले गए तो चले गए। और यह स्थिति और खराब होने वाली है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने दो दिन पहले कहा कि दिल्ली में 10 से 15 दिनों तक कोरोना के मामले और बढ़ेंगे। जैन ने कहा कि हमने टेस्टिंग को चार गुना बढ़ा दिया है। हम मानकर चल रहे हैं कि अगले 15 दिनों में इसका असर दिखेगा।

एक्टिव केस अभी बढ़ेंगे, लेकिन इससे यह होगा कि जितने भी पॉजिटिव केस हैं, उन्हें हम आइसोलेट कर पाएंगे। अगले 15 दिनों में इसका सकारात्मक परिणाम भी दिखेगा। महामारी के इस दौर में सर्वाधिक दुखद है कि भारत के राजनीतिक वर्ग, औदृाोगिक वर्ग, मुख्य धारा की मीडिया और सोशल मीडिया ने भी जैसे पराजय स्वीकार कर ली है। अब यह कोरोना के विरुद्ध इतने मुखर भी नहीं हैं, जितने शुरुआती दौर में दिखे थे। एक तरफ कोरोना, दूसरी तरफ दो वक्त की रोटी, भारत चौतरफा हमले में पिस रहा है। उम्मीद है कि इस खौफनाक स्थिति से देश जल्दी निकलेगा और कोरोना पर जल्द नियंत्रण होगा।

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