Home » संपादकीय » तालिबान सरकार पर दुनिया ने नहीं दिखाईं गर्मजोशी

तालिबान सरकार पर दुनिया ने नहीं दिखाईं गर्मजोशी

👤 Veer Arjun | Updated on:12 Sep 2021 4:45 AM GMT

तालिबान सरकार पर दुनिया ने नहीं दिखाईं गर्मजोशी

Share Post

-अनिल नरेन्द्र

अमेरिका, जर्मनी, जापान और चीन सहित किसी भी देश ने अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों की सरकार बनने पर गर्मजोशी नहीं दिखाईं। उन्होंने मान्यता देने पर चुप्पी साध ली है। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे कईं प्रामुख देशों ने वैबिनेट में आतंकवादियों को शामिल किए जाने और अन्य वर्गो, समूहों को प्रातिनिधित्व नहीं मिलने पर निराशा जताईं है। 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबानियों ने मंगलवार को अपनी अंतरिम सरकार की घोषणा की। उसने 33 सदस्यीय वैबिनेट बनाईं, जिसमें प्राधानमंत्री और गृहमंत्री खुद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित इनामी आतंकी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नईं सरकार में शामिल नामों का मूल्यांकन कर रहा है। कईं लोगों का ट्रैक रिकॉर्ड व आतंकी संगठनों से संबद्धता चिंताजनक है। उसने बयान दिया—हालांकि यह अंतरिम सरकार है, लेकिन तालिबान का मूल्यांकन उसके कामों से होगा, वह जो कहता आ रहा है, उन शब्दों से नहीं। अफगानी सभी के साथ से बनी सरकार की अपेक्षा रखते हैं, हमारी भी यही उम्मीद है।

साथ ही चेताया कि तालिबान अफगान की सरजमीं का उपयोग किसी देश के खिलाफ नहीं होने दे। जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा कि उनके पास अफगानिस्तान के हालात पर सकारात्मक होने की वजह नहीं है। प्रादर्शनकारियों-पत्रकारों पर हिसा हो रही है। 20 साल लोकतंत्र में रहे नागरिकों से ऐसा बर्ताव कोईं आस नहीं जगाता। फिर भी तालिबान से बातचीत जारी रखेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वहां से निकाले जा सवें। जापान के चीफ वैबिनेट सैव््रोटरी कतसुनाबो कातो ने कहा कि तालिबान पर नजर बनाए हुए हैं, उसे लेकर अमेरिका व अन्य देशों से सहयोग जारी रखेगा। उन्होंने अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा पर चिंता जताईं और कहा कि व्यावहारिक बातचीत के जरिये वह नागरिकों की सुरक्षा बनाए रखेगा। इस बीच खबर आईं है कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनते ही 24 घंटे के भीतर चीन ने बुधवार को 3.10 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद का ऐलान किया है। आतंकी समूह की सरकार का साथ दे रहे चीन ने कहा कि यह अराजकता खत्म करने और व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी है।

अफगानिस्तान के हालात पर पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में चीन की विदेश मंत्री वांग यी ने कहा—चीन अफगानिस्तान को 200 मिलियन युआन की मदद के तहत अनाज, सदा का सामान, कोरोना के टीके और जरूरत की दवाएं देगा। पाकिस्तान की अध्यक्षता में हुईं बैठक में ईंरान, तजाकिस्तान, तुर्वमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने शिरकत की। हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद वुरैशी की मेजबानी में आयोजित इस बैठक में रूस ने भाग नहीं लिया। वांग यी ने कहा—पहली खेप में चीन ने अफगानिस्तान को 30 लाख कोरोना के टीके दान देने का पैसला किया है। साफ लग रहा है कि अफगानिस्तान की मदद के लिए चीन और पाकिस्तान दोनों उत्सुक हैं। दोनों के कारण अलग-अलग बेशक हों पर टारगेट भारत ही है। रूस का इस बैठक में शामिल न होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Share it
Top