पोस्ट कोविड की बढ़ती समस्याएं
-अनिल नरेन्द्र
कोरोना वायरस केस भले ही अब कम हो गए हैं। लेकिन जो लोग पहले वायरस से संक्रमित हुए थे। वह आज भी पोस्ट कोविड समस्याओं से परेशान देखे जा रहे हैं। कईं मामलों में तो 8 से 9 महीनों तक पोस्ट कोविड समस्याएं रिपोर्ट हो रही हैं। ऐसे में लोग फिजियोथैरेपी करा रहे हैं और उन्हें फायदा भी हो रहा है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इस वक्त फिजियोथैरेपी के जरिए बड़ी संख्या में पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इन्हें कईं तरह की एक्सरसाइज करवाईं जा रही है और एक हफ्ते के भीतर अच्छा परिणाम भी देखने को मिल रहा है। अस्पताल में फिजियोथैरेपी डिपार्टमेंट के एमओ डॉ. जसविंदर कौर बताती हैं कि पोस्ट कोविड समस्याओं से ग्रसित मरीजों का आना लगातार जारी है। हर हफ्ते उनके पास 15 से 20 मरीज आ रहे हैं जिन्हें कोरोना से रिकवर होने के बाद थकान, सांस लेने में परेशानी आदि समस्याएं हो रही हैं।
सबसे ज्यादा लंग्स से जुड़ी समस्याएं देखी जा रही हैं। डा. जसविंदर कौर का कहना है कि लंग्स में फाइव्रोसिस देखा जा रहा है पल्मोनरी फाइव्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें कोरोना वायरस के कारण लंग्स को नुकसान पहुंचता है और एक झिल्ली बन जाती है। ऐसे में लंग्स कम एक्टिव होते हैं जिसकी वजह से ऑक्सीजन और कार्बनडाइआक्साइड एक्सचेंज होना कम हो जाता है। इसी वजह से सांस चढ़ने लगती है। लंग्स को खोलने के लिए उन्हें कईं तरह की सांस संबंधी एक्सरसाइज करवाईं जाती है। उन्होंने बताया है कि एक हफ्ते में ही मरीजों में अच्छे परिणाम आने लगते हैं। डा. जसविंदर कौर का कहना है कि पोस्ट कोविड में ज्यादा समस्याएं वर्विग ऐज ग्रुप यानी 35 से 65 साल तक के लोगों में देखने में मिल रही हैं। चूंकि बच्चों में कोरोना केस कम हैं इसलिए उनमें इस तरह की समस्याएं नहीं हो रही हैं। जिन लोगों को पोस्ट कोविड में 12 हफ्ते से ज्यादा स्वास्थ्य संबंधित परेशानी रहती है, उन्हें ठीक होने में थोड़ा लंबा समय लग जाता है। बता दें कि न सिर्प आरएमएल अस्पताल में बल्कि राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भी पोस्ट कोविड क्लीनिक में परेशान मरीज पहुंच रहे हैं। थकान और कमजोरी आम देखी जा रही है।
इसके अलावा दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भी पोस्ट कोविड समस्याएं लेकर लोग पहुंच रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि पोस्ट कोविड में सबसे ज्यादा थकान, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, कफ, गले में दर्द और वुछ में फीवर देखा जा रहा है, चूंकि अभी कोरोना वायरस के केस कम हैं, इसलिए पोस्ट कोविड समस्याओं के केस में भी कमी देखी जा रही है लेकिन जब कोरोना वायरस के मामले बढ़ते हैं तो इसमें भी इजाफा होता है।