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क्या सेक्स स्‍कैंडल चुनावी फिजा बदलेगा?

👤 mukesh | Updated on:7 May 2024 10:58 AM IST

क्या सेक्स स्‍कैंडल चुनावी फिजा बदलेगा?

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—अनिल नरेन्द्र

कर्नाटक में भाजपा-जेडीएस गठबंधन के उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के कथित यौन उत्पीड़न के वीडियो को पेन ड्राइव के जरिए सार्वजनिक करने का मामला कर्नाटक में किसी स्‍कैंडल के भंडाफोड़ के तरीके में एक बड़े बदलाव को दिखाता है। वो भी ऐसे समय में जब राज्य में लोकसभा चुनावों का घमासान उफान पर है। इससे पहले राज्य के चुनावी इतिहास में किसी कथित सेक्स स्‍कैंडल का इस तरह से भंडाफोड़ नहीं हुआ था। हर तरह के पार्टी कार्यंकर्ता सोशल मीडिया प्लेटफार्मो के इस्तेमाल के बजाए इस तरह से पेन ड्राइव को बस स्टॉप, पार्को, गांवों में लगने वाले मेलों और यहां तक कि घरों में डंप किए जाने से निराश हैं। पेन ड्राइव ऐसे समय में सार्वजनिक किए गए हैं जब हासल लोकसभा सीट पर वोटिंग में सिर्प पांच दिन बचे थे। कर्नाटक में हासल लोकसभा सीट उन 14 सीटों में से एक है। जहां राज्य के पहले और दूसरे चरण के तहत वोटिंग हुईं। दो चरण का चुनाव होते ही विपक्ष को ऐसा चुनावी हथियार मिल गया है जिसके बूते पर वह बाकी चरणों में चुनाव की फिजा को बदलने की कोशिश में जुट गया है।

भाजपा के ध्रुवीकरण की रणनीति से बैकपुट पर चल रहे विपक्ष को कर्नाटक के जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना के मुद्दे ने ऐसी संजीवनी दी है जिसके कि बैकपुट पर आया विपक्ष प्रंट पर आ गया है और प्रंट पुट पर आकर खेलने लगा है। इस पूरे प्रकरण से महिला सुरक्षा का मुद्दा चुनाव के वेंद्र में आ गया है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच में भले ही एक-दूसरे को दोषी ठहराया जा रहा हो, लेकिन जनता के बीच में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ही नहीं इंडिया गठबंधन के अन्य दल भी अपने-अपने प्रभाव वाले राज्यों में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर भाजपा और उसके सहयोगियों को घेरने में जुटे हैं, विपक्ष हमलावर है और सत्तापक्ष सफाईं में जुटा है। चुनावी मौसम में कर्नाटक के इस चर्चित सेक्स स्‍कैंडल के आने से महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दे भी उखड़ने शुरू हो गए हैं। विपक्ष मणिपुर से लेकर उन्नाव, हाथरस, कानपुर और वाराणसी, बिलकिस बानो के अपराधियों को फूल माला से स्वागत की घटनाओं को उछालकर भाजपा पर आव्रामक है। देश की पहलवान बेटियों के साथ हुए मामले को भी तूल दिया जा रहा है। इन सबके द्वारा विपक्ष मतदाताओं के बीच यह नेरेटिव बनने में जुट गया है कि भाजपा महिला विरोधी है।

हालांकि मामला जेडीएस के नेता का है, लेकिन चूंकि उसका गठबंधन भाजपा के साथ है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रज्वल रेवन्ना के लिए खासतौर पर वोट मांगा था, वह भी जानते हुए कि वह एक बलात्कारी हैं, इसने विपक्ष के हमलों को और तीखा कर दिया है। विपक्ष को लग रहा है कि प्रज्वल रेवन्ना के रूप में उसे ऐसा मुद्दा मिल गया है जो कि आने वाले चरणों में भाजपा के चुनावी अभियान को डेंट पहुंचा सकता है। विपक्ष इसी आधार पर इस सेक्स स्‍कैंडल से अपनी संभावनाएं तलाश रहा है। विपक्ष इस पूरे मुद्दे पर अपना एजेंडा सेट कर रहा है और भाजपा को सफाईं देनी पड़ रही है। विपक्ष के जवाब में गृहमंत्री अमित शाह भले ही उसके विदेश भागने को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हों। लेकिन जनता के बीच यह मुद्दा काफी गर्म है। पीएम मोदी से लेकर तमाम बड़े नेता डैमेज वंट्रोल में लगे हुए हैं। मातृ शक्ति के साथ खड़े होने की बात कह रहे हैं।

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