पीड़ित पहलवानों का संघर्ष रंग लाया
—अनिल नरेन्द्र
सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिह को अदालत के सामने यौन उत्पीड़न का आरोपी साबित करने के लिए पीड़ित महिला पहलवानों को लंबा संघर्ष करना पड़ा। इस बीच अदालती कार्रवाईं को लटका कर रखने की कईं कोशिशें भी हुईं।
आरोप तय किए जाने के लिए अदालत में दो बार बहस चली। ऐसा बीच में मजिस्ट्रेट के तबादले की वजह से हुआ। दूसरी बार बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 27 फरवरी को आरोप तय करने के मुद्दे पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। पर आदेश आने से पहले ब्रजभूषण शरण सिह एक और अजा लेकर अदालत पहुंच गए जो 26 अप्रौल को खारिज कर दी गईं। उसमें सिह ने अपने खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न मामले की आगे की जांच की मांग की गईं थी।
वह आरोपों पर और दलीलों को पेश करने लगे और आगे की जांच के लिए समय की मांग कर रहे थे। तर्व दिया कि वह तारीख पर भारत में नहीं थे, जिसमें एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसे डब्ल्यूएफआईं आफिस में परेशान किया गया था। आरोपों पर बहस के दौरान शिकायतकर्ताओं और पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्यांप्त सबूत हैं। दिल्ली पुलिस ने आरोपियों की इस दलील का विरोध किया कि चूंकि वुछ कथित घटनाएं विदेश में हुईं थी, इसलिए वे दिल्ली की अदालतों के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। पुलिस ने कहा था कि सिह द्वारा विदेश और दिल्ली सहित भारत में की गईं यौन उत्पीड़न की कथित घटनाएं एक अपराध का हिस्सा हैं। दूसरी ओर, आरोपी सांसद ने कथित अपराध की रिपोर्ट करने में देरी और शिकायतकर्ताओं के बयानों में विरोधाभास का दावा करते हुए बरी किए जाने की गुहार लगाईं।
ब्रजभूषण शरण सिह की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि कथित तौर पर घटनाएं 2012 में हुईं, लेकिन पुलिस को 2023 में रिपोर्ट की गईं। सिह ने कहा कि निगरानी समिति की रिपोर्ट के आधार पर भले ही उन्हें बेकसूर नहीं माना जा सकता, पर यह रिपोर्ट उनके बेगुनाह साबित होने की संभावना को नकारती भी है। महिला पहलवानों ने पहले सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसके बाद 28 अप्रौल 2023 को मामले में दो एफआईंआर दर्ज की गईं। ब्रजभूषण शरण सिह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवानों की ओर से 23 अप्रौल 2023 को जंतर-मंतर पर धरना भी दिया गया।
उस धरने में क्या-क्या हुआ था यह किसी से छिपा नहीं। आखिर पहलवानों का संघर्ष रंग लाया और दिल्ली की कोर्ट ने महिला पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में शुक्रवार को भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिह के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए। कोर्ट ने माना कि 6 में से 5 शिकायतों में भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रामुख के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्यांप्त सबूत मिले हैं। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने एक शिकायत खारिज कर दी।
कोर्ट ने ब्रजभूषण शरण सिह के खिलाफ किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना धारा (354) यौन उत्पीड़न (354-ए) और आपराधिक धमकी (धारा-506) के तहत आरोप तय किए हैं। इन पर 21 मईं को बहस होगी। इसमें धारा 354 में अधिकतम 5 वर्ष, 354 ए - 3 वर्ष और 506 में अधिकतम दो साल की सजा हो सकती है।