menu-search
Thu Apr 25 2024 19:52:12 GMT+0530 (India Standard Time)
Visitors: 43671
केजरीवाल की माफी पर मचा बवाल
Share Post
आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेता अरविन्द केजरीवाल को इसलिए दिल्ली की जनता ने भारी बहुमत के साथ विधानसभा चुनाव में जिताया था क्योंकि वह ईमानदारी और स्वच्छता के नए प्रयोग के दावे और वादे के साथ राजनीति में उतरे थे। जनता को यह उम्मीद नहीं थी कि केजरीवाल किसी झूठ या अफवाह के सहारे अपनी सियासत चमकाने में विश्वास रखते हैं। लेकिन केजरीवाल ने सत्ता में आते ही आनन-फानन में दूसरे नेताओं पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। अरविन्द केजरीवाल ने पार्टी स्थापना के पहले दिन से ही तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर बड़ा जुबानी हमला किया था। वहीं बाद में रॉबर्ट वाड्रा, भाजपा नेता नितिन गडकरी जैसे बड़े नेताओं व उद्योगपतियों पर आरोप लगा दिए। मीडिया ने भी केजरीवाल के सनसनीखेज आरोपों को तवज्जो दी थी। इसका नतीजा मानहानि के मुकदमों के तौर पर रहा। पंजाब और दिल्ली विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल ने इसी रणनीति पर काम किया। ताजा मामला पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से अरविन्द केजरीवाल के माफी मांगने से जुड़ा है। गौरतलब है कि उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान मजीठिया को मादक पदार्थों के तस्करों का सरगना कहा था। हालांकि उस समय उनके पास इस आरोप के क्या आधार थे, यह साफ नहीं। अब केजरीवाल ने मजीठिया से गुरुवार को बाकायदा लिखित में माफी मांगी है। लिखित माफीनामे में केजरीवाल ने मजीठिया से कहा है कि वे सभी आरोप बेबुनियाद निकले और इसलिए वे माफी मांगते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि गलती का अहसास होने पर माफी मांग लेना शालीनता का परिचय देता है। पर अगर केजरीवाल को अन्य नेताओं से भी माफी मांगनी पड़ी तो यह बहुत लंबी सूची है। मजीठिया को भेजा गया माफीनामा उस सीरीज की शुरुआत है, जिसमें आगे केजरीवाल माफीनामे की झड़ी लगाएंगे। फिलहाल केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, नितिन गडकरी, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित समेत 36 लोगों ने मानहानि के मुकदमे दर्ज कर रखे हैं। इसमें से कई मामलों में केजरीवाल को अपनी बात साबित करने के लिए प्रमाण देना होगा। मजीठिया से माफी मांगने के बाद उनकी अपनी पार्टी में बगावत की स्थिति बन गई है। पार्टी के बागियों में शुमार किए जाने वाले कुमार विश्वास और कपिल मिश्रा के अलावा पार्टी सांसद संजय सिंह ने भी केजरीवाल की माफी का विरोध किया है। आप सांसद भगवंत मान ने शुक्रवार को पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद और विधानसभा के विधायक अमन अरोड़ा ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। लोक इंसाफ पार्टी ने भी आम आदमी पार्टी के साथ पंजाब में गठबंधन तोड़ लिया है। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर मानहानि सहित कई तरह के मामले दर्ज हैं और उसमें केजरीवाल सहित कई नेताओं को इन मुकदमों में काफी वक्त बर्बाद करना पड़ रहा है। इसलिए पार्टी ने इन मामलों को निपटाने का फैसला किया है। सवाल यह है कि वैकल्पिक राजनीति की दुहाई देकर जनता के बीच लोकप्रिय होने वाले अरविन्द केजरीवाल या उनके सहयोगी अगर अपने ही आरोपों को लेकर स्पष्ट और ठोस नहीं होते हैं, तब उन्हें ऐसे आरोप लगाने की हड़बड़ी क्यों होती है। शायद यह पहला मौका है जब किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री ने इस तरह अनर्गल आरोप लगाकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी हो? अभी तो माफीनामों की शुरुआत है।
-अनिल नरेन्द्र
© 2017 - 2018 Copyright Veer Arjun. All Rights reserved.
Designed by Hocalwire